Akhilesh Yadav on Kumbh Mela: मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के महाकुंभ में आयोजित भगदड़ की शोर संसद में भी सुनाई दे रही है. संसद में विपक्षी पार्टी के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कुंभ भगदड़ को लेकर सवाल उठाए हैं. इस दौरान अखिलेश यादव ने प्रयागराज की व्यवस्था और प्रशासन के रवैये के साथ-साथ सरकार पर भी सवाल उठाए हैं.
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Akhilesh Yadav on Kumbh Mela: मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज के महाकुंभ में आयोजित भगदड़ की शोर संसद में भी सुनाई दे रही है. संसद में विपक्षी पार्टी के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कुंभ भगदड़ को लेकर सवाल उठाए हैं. इस दौरान अखिलेश यादव ने प्रयागराज की व्यवस्था और प्रशासन के रवैये के साथ-साथ सरकार पर भी सवाल उठाए हैं.
संसद में क्या कहा अखिलेश यादव ने
संसद में अखिलेश यादव ने कहा, ''उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त नहीं की. जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक संवेदना व्यक्त की, तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया. ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते.''
अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
अखिलेश यादव ने कहा, ''जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर पुष्प वर्षा की. यह कैसी सनातनी परंपरा है? भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया. कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया. सब कुछ छिपाने के लिए, सुनने में आ रहा है कि कुछ दबाव और कुछ मीठा भी दिया जा रहा है ताकि उनकी खबर बाहर न आए.''
सरकार दे मरने वालों के आंकड़े
समाजवादी पार्टी के मुखिया ने कहा, "सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है. आंकड़ें देने से पहले लेकिन महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और खोया-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए.''
अखिलेश यादव ने की ये मांग
उन्होंने मांग कि, ''महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले. हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई दोष नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?"
मौनी अमावस्या के दिन हुई थी भगदड़
जानकारी के लिए बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान करने के लिए महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे थे. भगदड़ तक मची जब श्रद्धालु संगम तट की ओर बढ़ रहे थे. इस घटना में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 90 से ज्यादा लोग सामान्य या गंभीर रूप से घायल हो गए.
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