इन सबके के बीच जगदंबिका पाल सुर्खियों में हैं. यह पहली दफा नहीं है जब जगदंबिका पाल चर्चा में हैं. जगदंबिका पाल के नाम कई अनोखे रिकॉर्ड है. आइये जानते हैं कौन हैं जगदंबिका पाल?...
जगदंबिका पाल का जन्म 21 अक्टूबर 1950 को भरवलिया में हुआ है. उन्होंने एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है. इसके बाद वह राजनीत में आ गए.
डुमरियागंज से तीसरी बार सांसद चुने गए जगदंबिका पाल की पत्नी का नाम स्नेह लता पाल है. इनका एक बेटा और दो बेटियां हैं. जगदंबिका पाल यूपी सरकार में कई बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.
इतना ही नहीं जगदंबिका पाल के नाम 31 घंटे तक मुख्यमंत्री बनने का भी रिकॉर्ड है. पहली बार वह 2009 में सांसद बने थे. इसके बाद वह कांग्रेस से जुड़ गए.
2014 के लोकसभा चुनाव में वह कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद 2014, 2019 और 2024 में लगातार तीन बार सांसद चुने गए.
जगदंबिका पाल के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड भी दर्ज है. वह साल 1998 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन अगले ही उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी. यूपी के एक दिन मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम इतिहास में दर्ज है.
जगदंबिका पाल ने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी. बाद में कांग्रेस से अलग होकर एनडी तिवारी की अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) में शामिल हो गए.थे.
इसके बाद साल 1997 में उन्होंने नरेश अग्रवाल, राजीव शुक्ला, श्याम सुंदर शर्मा और बच्चा पाठक के साथ मिलकर अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और कल्याण सिंह सरकार में परिवहन मंत्री बने.
साल 1998 में बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी से अपना समर्थन वापस ले लिया था. उस समय मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे. वहीं, जगदंबिका पाल, कल्याण सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.
मायावती ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस लेते हुए जगदंबिका पाल को विधायक दल का नेता चुन, राज्यपाल के पास बहुमत होने का दावा पेश किया.
इसके बाद तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई. हालांकि, वह 36 घंटे ही मुख्यमंत्री रह पाए थे कि उन्हें कुर्सी छोड़नी पड़ी.
21 फरवरी की रात 10 बजे जगदंबिका पाल को प्रदेश के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. अगले ही दिन के 3 बजे हाईकोर्ट ने राज्य में कल्याण सिंह सरकार को बहाल करने के आदेश दे दिए.
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद जगदंबिका पाल को 31 घंटे के अंदर ही यूपी के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. वह यूपी के एकमात्र ऐसे मुख्यमंत्री थे, जो 31 घंटे तक ही सीएम बने थे.