गंगा में कितनी डुबकी लगानी चाहिए? जानें क्या कहते हैं शास्त्र-पुराण
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गंगा में कितनी डुबकी लगानी चाहिए? जानें क्या कहते हैं शास्त्र-पुराण

Ganga Snan Niyam: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 फरवरी 2025) को प्रयागराज के संगम में पवित्र डुबकी लगाई. इसके साथ ही मां गंगा की पूजा अर्चना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उन्होंने अन्य पूजन कार्यक्रमों हिस्सा लिया.

गंगा में कितनी डुबकी लगानी चाहिए? जानें क्या कहते हैं शास्त्र-पुराण

How many dips should one take in the Ganga: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 फरवरी 2025) को प्रयागराज के संगम में पवित्र डुबकी लगाई. इस दौरान उन्होंने विशेष मंत्रों का जाप भी किया.  इसके साथ ही उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना की. वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उन्होंने अन्य पूजन कार्यक्रमों हिस्सा लिया. अक्सर लोगों के मन यह प्रश्न होगा कि आखिर प्रधानमंत्री मोदी ने पवित्र स्नान के लिए संगम में कितनी डुबकियां लगाईं, साथ ही पवित्र नदियों में डुबकी लगाने के नियम क्या-क्या हैं. पौराणिक ग्रंथों और शास्त्रों में गंगा स्नान के लिए खास नियम बताए गए हैं. आइए जानते हैं कि पवित्र स्नान के दौरान गंगा में कितनी डुबकियां लगानी चाहिए और इससे जुड़े खास नियम क्या हैं.

गंगा स्नान से धुल जाते हैं पाप

ऐसा माना जाता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से पूर्णिमा, गंगा दशहरा और अमावस्या जैसे शुभ अवसरों पर गंगा स्नान का महत्व बढ़ जाता है. वर्तमान में महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु रोजाना गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि गंगा स्नान के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

स्नान से पहले करें यह कार्य

गंगा में प्रवेश करने से पहले गंगा माता के दर्शन करें और हाथ जोड़कर प्रणाम करें. गंगाजल को पहले अपने माथे से लगाएं और फिर स्नान शुरू करें. गंगा को पूजनीय माना जाता है, इसलिए नदी में सीधे पैर डालकर प्रवेश न करें.

मंत्र जाप से मिलेगी विशेष कृपा

गंगा स्नान के दौरान कम से कम 3, 5 या 7 बार डुबकी लगाना शुभ माना जाता है. साथ ही, निम्नलिखित मंत्र का जाप करने से गंगा माता की कृपा प्राप्त होती है. 

"गंगा पापं शशी तापं दैन्यं कल्पतरुस्तथा

पापं तापं च दैन्यं च हन्ति सज्जनसङ्गमः

गंगा स्नान के दौरान न करें ये गलतियां

साबुन, शैंपू या डिटर्जेंट का उपयोग न करें क्योंकि यह गंगा जल को प्रदूषित करता है.

गंदगी या प्लास्टिक कचरा गंगा में न डालें, अन्यथा यह पवित्रता भंग कर सकता है.

स्नान के बाद शरीर को तौलिए से न पोंछें, बल्कि सूर्य की धूप में स्वयं सूखने दें.

महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान गंगा स्नान नहीं करना चाहिए, अन्यथा स्नान का पूर्ण फल नहीं प्राप्त होता.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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