दिल्ली-एनसीआर वालों के लिए अच्छी खबर है. यहां न्यू नोएडा नाम से एक हाईटेक सुविधाओं से भरा एक नया शहर बसाया जाएगा. न्यू नोएडा को बनाने के लिए 80 गांव की जमीन अधिग्रहित की जानी है. सबसे पहले 15 गांवों का अधिग्रहण होगा.
न्यू नोएडा के लिए जिन 80 गांवों की जमीन अधिग्रहित की जानी है. अक्टूबर 2024 में इसका नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. इन गांवों में नोएडा अथॉरिटी ने चेतावनी बोर्ड भी लगाए हैं. जिससे अधिसूचित जमीन पर अवैध निर्माण को रोका जा सके.
नोटिफिकेशन जारी होने के बादयहां बने नए निर्माण अवैध माने जाएंगे. सैटेलाइट और ग्राउंड सर्वे के बाद इन पर एक्शन लिया जाएगा. अवैध निर्माण की पहचान के बाद इनको बुलडोजर से ध्वस्त किया जाएगा.
पहले चरण में 3165 हेक्टयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी. जानकारी के मुताबिक ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के साथ जहां जीटी रोड अलग होती है, वहां से सटे गांव के अधिग्रहण की कार्रवाई सबसे पहले शुरू होगी.
दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन क न्यू नोएडा के मास्टर प्लान 2041 को शासन की मंजूरी मिल चुकी है. न्यू नोएडा को 209.11 वर्ग किमी यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर जमीन पर बसाया जाएगा.
इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा. जिसमें 80 गांव की जमीन अधिग्रहित की जाएगी. मास्टर प्लान में यहां 6 लाख की आबादी को बसाया जाना है. इसमें 20 गांव गौतमबुद्धनगर, 60 बुलंदशहर के हैं.
2041 के मास्टर प्लान के मुताबिक 40 फीसदी जमीन उपयोग के लिए, इंडस्ट्रियल के लिए 13 फीसदी, ग्रीन एरिाय और एग्री एडिशनल एक्टिविटी के लिए 18 फीसदी जमीन होगी.
किसानों की जमीन का अधिग्रहण किसानों की आपसी सहमति के आधार पर किया जाएगा. अथॉरिटी ने इसके लिए सलाहकार कंपनी टीला को जिम्मेदारी सौंपी है. कंपनी और अथॉरिटी के बीच बैठक हो चुकी है. जिसमें कंपनी ने योजना के बारे में बताया है.
न्यू नोएडा को चार चरणों में बसाया जाएगा. पहले चरण में 2027 तक 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण में 2032 तक शहर के विस्तार की योजना है. 2037 तक तीसरे चरण में इंडस्ट्रियल और कॉमर्शियल एरिया का विकास और 2041 तक विकसित शहर बनाने का प्लान है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.