प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को माघ माह के शुल्क पक्ष की अष्टमी पर महाकुंभ प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई. इस दौरान उन्होंने गेरुआ वस्त्र धारण किए थे और उनके हाथ में रुद्राक्ष की माला थी.
पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. दोनों नेताओं ने संगम में स्नान कर मां गंगा, यमुना और सरस्वती का आशीर्वाद लिया.
स्नान के बाद प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और देश की खुशहाली व समृद्धि की कामना की. उन्होंने सिर पर हिमाचली टोपी पहनी हुई थी और मंत्रोच्चारण करते नजर आए.
संगम में स्नान के दौरान पीएम मोदी लगातार जाप करते नजर आए. उनका यह आध्यात्मिक रूप श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, जिससे कुंभ की पवित्रता और बढ़ गई.
इससे पहले पीएम मोदी बुधवार सुबह प्रयागराज हवाईअड्डे पर पहुंचे, फिर हेलीकॉप्टर से नैनी स्थित डीपीएस मैदान गए और वहां से नाव के जरिए महाकुंभ मेला क्षेत्र पहुंचे. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.
महाकुंभ के इस आयोजन में अब तक 39 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. इस बार का महाकुंभ खास है क्योंकि 144 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त बना है.
पीएम मोदी पहले भी प्रयागराज में आस्था के प्रतीक अर्धकुंभ में स्नान कर चुके हैं. इस बार उन्होंने महाकुंभ में भाग लेकर इसकी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को दोहराया.
पीएम मोदी ने सीएम योगी के साथ नाव से सैर की. पीएम ने महाकुंभ को एकता और समरसता का महायज्ञ बताया है. वे कई बार कुंभ की ऐतिहासिक और धार्मिक परंपराओं के महत्व पर अपनी राय रख चुके हैं.
महाकुंभ में संगम तट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब होने के कारण पीएम मोदी हनुमान मंदिर और अक्षय वट के दर्शन करे बगैर ही लौट गए. क्योंकि पीएम के कार्यक्रम की वजह से श्रद्धालुओं की एंट्री रोकनी पड़ती जिससे भीड़ और बढ़ जाती.
मोदी सरकार प्रयागराज को महाकुंभ के लिए खास रूप से विकसित कर रही है. पिछले साल 13 दिसंबर को पीएम मोदी ने यहां कई बड़ी विकास योजनाओं का शिलान्यास किया था.