UP BJP Adhyaksh Chunav: उत्तर प्रदेश में बीजेपी का अगला मुखिया कौन होगा, इसकी तस्वीर अब तक साफ नहीं हो पाई है. सूत्रों की मानें तो यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को आगे बढ़ाने के पीछे बीजेपी की खास रणनीति भी मानी जा रही है.
Trending Photos
UP BJP Sangathan Chunav News: उत्तर प्रदेश बीजेपी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है. जनवरी के आखिरी तक बीजेपी प्रदेश मुखिया का फैसला हो जाना था, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव ने इस पर ब्रेक लगा दिया. सूत्रों की मानें तो दिल्ली चुनाव के बाद यूपी में जिलाध्यक्षों की लिस्ट भी सामने आ जाएगी और उसके बाद सूबे में पार्टी के मुखिया का नाम भी फाइनल हो जाएगा.
'जाट' दांव ने लगाया ब्रेक?
यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को आगे बढ़ाने के पीछे बीजेपी की खास रणनीति भी मानी जा रही है. सूत्रों की मानें तो दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते इस पर ब्रेक लगा है. दरअसल दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जाटों का मुद्दा उठाया. उत्तर प्रदेश के मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी जाट बिरादरी से आते हैं. ऐसे में बीजेपी ने यूपी प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली चुनाव से पहले बदलने का जोखिम नहीं उठाया. हालांकि सूत्रों के मुताबिक अध्यक्ष पद पर सहमति न बनना और दिल्ली चुनाव पर फोकस होना भी वजह बताया जा रहा है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई नाम
सूबे में बीजेपी के नए पार्टी मुखिया के तौर पर कई नामों की चर्चा चल रही है. सूत्रों की मानें तो पार्टी इस बार दलित चेहरे को भी उत्तर प्रदेश की कमान सौंप सकती है. शीर्ष स्तर पर इस बार प्रदेश अध्यक्ष के लिए पिछड़े और दलित के साथ ही ब्राम्हण चेहरे पर भी चर्चा हुई है. दलित चेहरों में पूर्व एमएलसी विद्यासागर सोनकर का नाम सबसे ऊपर है. पूर्व सांसद रामशंकर कठेरिया और विनोद सोनकर का नाम भी चर्चा में हैं. जबकि पिछड़े चेहरे के तौर पर अमरपाल मौर्या, बीएल वर्मा, बाबूराम निषाद और ब्राम्हण चेहरे के तौर पर राज्यसभा सदस्य दिनेश शर्मा और बसपा से भाजपा में आए हरीश द्विवेदी का नाम रेस में आगे चल रहा है.
जिलाध्यक्षों के नामों से भी नहीं उठा पर्दा
उत्तर प्रदेश में जिलाध्यक्षों की लिस्ट को लेकर लंबे इंतजार के बाद अब नामों से पर्दा इसी सप्ताह उठ सकता है. सूत्रों के मुताबिक दिल्ली चुनाव खत्म होते ही बीजेपी जिलाध्यक्षों की लिस्ट जारी हो जाएगी. बताया जा रहा है कि करीब 70 नामों का ऐलान किया जा सकता है. इनमें से कुछ ऐसे भी चेहरे हो सकते हैं जो एक बार अध्यक्ष पद की कुर्सी पर बैठ चुके हैं. हालांकि दो बार जिलाध्यक्षों को तीसरा टर्म मिलने की संभावना बेहद कम है.
कई जिलों में फंसा पेच, नहीं हो पाया नामों का ऐलान
दरअसल, बीजेपी संगठन चुनाव प्रक्रिया के तहत जिलाध्यों के नामों का ऐलान 15 से 20 जनवरी तक हो जाना था. लेकिन कई जिलों में अलग-अलग वजहों से जिलाध्यक्ष चुनाव को लेकर पेंच फंस गया. दिल्ली से शीर्ष नेतृत्व से निर्देश मिलने के बाद क्षेत्रवार स्क्रीनिंग का कार्यक्रम तय किया गया. लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते इस पर ब्रेक लग गया.
कौन जीत रहा मिल्कीपुर चुनाव?, फलोदी सट्टा बाजार ने की चौंकाने वाली भविष्यवाणी