ग्रेटर नोएडा का जेवर एयरपोर्ट यूपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है. यह सिर्फ नोएडा ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों के लिए ग्रोथ हब बनने जा रहा है. इसके जरिए स्थानीय बुनियादी सुविधाओं और उद्योगों को तेज़ी से बढ़ावा मिलेगा
यूपी सरकार ने जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 76 किलोमीटर लंबा लिंक एक्सप्रेसवे बनाने की योजना बनाई है. इसे यमुना एक्सप्रेसवे से 24 किलोमीटर पहले जोड़ा जाएगा जिससे दिल्ली, लखनऊ और अन्य बड़े शहरों तक कनेक्टिविटी और बेहतर होगी.
इस एक्सप्रेसवे की कुल लागत 4415 करोड़ रुपये आंकी गई है जिसमें से 4000 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जाएंगे. सरकार चाहती है कि यह सड़क नेटवर्क यूपी के प्रमुख शहरों को तेज़ और सुविधाजनक तरीके से जोड़े.
इस लिंक एक्सप्रेसवे के बनने से आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल, गंगा, बुंदेलखंड और गोरखपुर एक्सप्रेसवे को एक नई ग्रिड के रूप में जोड़ा जाएगा. इससे उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा करना आसान और किफायती हो जाएगा.
सरकार इसके अलावा फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए बुंदेलखंड और गंगा एक्सप्रेसवे को भी जोड़ने की योजना बना रही है. इससे औद्योगिक विकास और ट्रांसपोर्ट सिस्टम को नई दिशा मिलेगी.
इस परियोजना का काम फरवरी 2024 में नियोजन विभाग को रिपोर्ट सौंपने के बाद तेजी से आगे बढ़ेगा. मार्च 2024 तक वित्तीय मंजूरी मिलने और मई-जुलाई 2024 में जमीन अधिग्रहण का काम पूरा होने की संभावना है. इसके बाद फरवरी 2026 से निर्माण कार्य शुरू होगा.
जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब भी बनाया जा रहा है, जिससे स्थानीय किसानों और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को सीधा फायदा मिलेगा. इससे यूपी के कृषि और औद्योगिक उत्पादों को वैश्विक बाजारों में पहुंचाने में मदद मिलेगी.
यह एक्सपोर्ट हब विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) के तहत तैयार होगा। यहां से मूंगफली, सब्जियां, काला नमक चावल और तिल जैसे उत्पादों का बड़े पैमाने पर निर्यात किया जाएगा, जिससे किसानों और व्यापारियों की आय में वृद्धि होगी.
इस पूरे प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद यूपी न सिर्फ बेहतर सड़क कनेक्टिविटी वाला राज्य बनेगा, बल्कि यह निर्यात, व्यापार और औद्योगिक विकास के नए केंद्र के रूप में भी उभरेगा. जेवर एयरपोर्ट और उससे जुड़े ये प्रोजेक्ट पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है.एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.