UP Electricity Department contract workers News: यूपी के बिजली विभाग में इन दिनों हड़कंप मचा हुआ है. करीब 12 संविदाकर्मियों को नौकरी से निकाला गया है. 55 साल से ज्यादा के कर्मियों की छुट्टी हुई है.
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UP Electricity Department News: उत्तर प्रदेश में प्राइवेटाइजेशन को लेकर बिजली कर्मचारी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच विभाग के संविदाकर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है. सूबे के अलग-अलग जिलों के करीब 12 सौ संविदाकर्मियों को हटाया गया है. यही नहीं प्रदेश के करीब 20 हजार संविदाकर्मियों की नौकरी पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. संविदाकर्मियों को हटाए जाने को लेकर यूपी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने विरोध भी दर्ज कराया है.
उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि निजीकरण को लेकर संविदाकर्मियों को मनमाने तरीके से नौकरी से हटाया जा रहा है.इससे बिजली कर्मचारियों में गुस्सा है. संघर्ष समिति के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिले में सोमवार को बिजली कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारी संगठनों ने निजीकरण के लिए 25 प्रतिशत कर्मचारियों को हटाने की तैयारी का आरोप लगाया है. रेलवे रक्षा डाक विभाग के केंद्रीय महासंघों ने भी बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को समर्थन दिया. पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रक्रिया का विरोध जारी है. संविदा कर्मियों का शतप्रतिशत नवीनीकरण न होने पर सवाल उठाए हैं.
संघर्ष समिति का कहना है कि 2019 के एक आदेश का हवाला देकर 55 साल से ज्यादा उम्र के संविदाकर्मियों को बाहर किया जा रहा है. जबकि वह 55 साल की उम्र के बाद भी बीते 6 साल से सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में उनको हटाया जाना अमानवीय है. संघर्ष समिति के मुताबिक कि जिन 1200 संविदाकर्मियों को नौकरी से निकाला गया है, उनमें सभी 55 साल से ज्यादा के नहीं हैं. साथ ही आरोप लगाया कि प्रदेश के करीब 20 हजार संविदाकर्मियों की नौकरी पर जाने पर खतरा मंडरा रहा है.
संविदाकर्मियों ने नौकरी जाने के बाद धरना प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि वह 10 से 11 हजार रुपये में अपनी जान जोखिम में डालकर काम करते हैं. उन्होंने अपील की है कि 55 साल की उम्र पार कर चुके संविदा कर्मियों को लाइन का काम देने की जगह दूसरी जिम्मेदारी दी जा सकती है. वह बिल वसूलने का काम कर सकते हैं. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर कर्मियों की बात नहीं सुनी गई तो 6 फरवरी को मध्यांचल विद्युत निगम एमडी मुख्यालयका घेराव किया जाएगा.