Ajmer News: मौत को 6 बार चकमा देकर वापस लौटा अजमेर का ये शख्स, कहानी ऐसी पढ़ हिल जाएगा दिमाग
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2631743

Ajmer News: मौत को 6 बार चकमा देकर वापस लौटा अजमेर का ये शख्स, कहानी ऐसी पढ़ हिल जाएगा दिमाग

Ajmer News: हिम्मत-ए-मर्दा, मदद-ए-खुदा यह कहावत आपने अक्सर सुनी होगी, राजस्थान के अजमेर में रहने वाले इस शख्स पर बिल्कुल सटीक बैठती है. पॉजिटिव सोच और घरवालों का सहयोग आपको कितनी ताकत दे सकता है, यह बात इस शख्स की कहानी से साफ जाहिर होती है.

Ajmer News

Rajasthan News: अजमेर के वैशाली नगर निवासी 26 साल के युवा जयंत कंदोई को पिछले 12 साल के दौरान शरीर के छह अलग-अलग अंगों में कैंसर हुआ था. डॉक्टर्स का भी मानना है कि यह देश का संभावित इकलौता व्यक्ति है, जिसे इतने कम समय में इतनी बार कैंसर हुआ. जयंत ने बताया कि 2013 में पहली बार कैंसर हुआ था. गले की राइट साइड पर फुटबॉल लग गई थी. जिसके कारण गले पर सूजन हो गई.

काफी समय तक सूजन नहीं गई तब डॉक्टर को दिखाया था. डॉक्टर के द्वारा ट्यूमर होने के बात कही गई थी. कैंसर की जांच करवाई थी. जांच करवाने के बाद कैंसर होने की जानकारी मिली थी. जयंत ने बताया कि पहली बार जब उसे कैंसर हुआ तब वह 10वीं कक्षा में पढ़ रहा था. लाइफ पर उस वक्त कोई प्रभाव नहीं पड़ा था. लेकिन सोसाइटी में पता चलने पर नेगेटिव एनवायरमेंट जरूर मिला था. लेकिन पिता अशोक कुमार ने काफी सहयोग किया था. इलाज के लिए हमेशा पिता ने प्रोत्साहन ही किया था.

जयंत बताया कि जब पहली बार कैंसर हुआ तब यही सोसाईटी से सुनने को मिला कि जितना टाइम है उतना समय उसे अच्छे से रख लो, बहुत बड़ी बीमारी हो गई है. एक सिंपैथी मिल रही थी. तब उस समय सिंपैथी को एंपैथी में कन्वर्ट करके आगे बढ़ा था. जयंत ने बताया कि कैंसर को ठीक करने के लिए कीमोथेरेपी ली थी. इसे लेकर अलग-अलग सेशन लगाए गए थे. 20 हजार करीब एक सेशन की लग जाते थे. लेकिन इसके अलावा भी कई खर्च होते थे.

fallback

खाना-पीना काफी तरीका भी बदल गया था. जयंत ने बताया कि 11वीं कक्षा में भी वापस दूसरी जगह पर कैंसर हुआ था. जिसका इलाज कोलकाता से लिया था. इसके अलावा 2021 तक करीब छह बार अलग-अलग जगह पर कैंसर हुआ था. पहले कैंसर ठीक होने में करीब 6 महीने लग गए थे. आज मैं पूरी तरह से ठीक हूं और कैंसर से निजात पा चुका हूं.

जयंत ने बताया कि आखरी बार 2021 में ही कैंसर हुआ था. इलाज में लाखों रुपए का खर्चा हुए थे. जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता. इसके चक्कर में बिजनेस में भी परेशानी आने लग गई. इलाज के लिए परिवार को अपनी कई कीमती सामान भी बेचना पड़ा था. पिता ने मेरे इलाज के लिए काफी कुछ खो दिया था. जयंत ने बताया कि मुझे मालूम था कि मुझे कैंसर है. लेकिन कैंसर एक छोटी बीमारी है, मैं यही लेकर चल रहा था. पिता का हमेशा प्रोत्साहन देते थे कि यह कोई बड़ी चीज नहीं है. पापा कहते थे मैं तुझे भगवान से भी जीत कर लेकर आ जाऊंगा. तब मुझे लगता था कि मुझे लोगों से दूर नहीं रहना चाहिए. हमेशा पॉजिटिव रहा और कैंसर को बीट किया है. ना तो कैंसर से कल डरा था ना ही आगे डरूंगा. मैं पॉजिटिव था तो एनवायरमेंट भी वैसा ही बनाया था.

जयंत कि वर्तमान में रेडीमेड गारमेंट की फैक्ट्री है. एक बड़ा व्यापार चल रहा है. माता-पिता के बिजनेस को कुछ सालों के अंदर आगे बढ़ाया है. हमेशा यही कोशिश रहती है कि मेरी बीमारी मेरे व्यापार में आगे नहीं आए. पिता गवर्नमेंट जॉब से ही जून में रिटायर्ड हुए थे. मां का गारमेंट्स की फैक्ट्री थी. जिसे अभी मैं चला रहा हूं. मैंने भी एमबीए किया है. जयंत ने बताया कि कई बिजनेस स्टार्टअप खोले थे. लेकिन कैंसर के कारण उन्हें बंद करना पड़ा. तब कुछ समय बीच में ऐसा लगता था कि कैंसर नहीं होता तो मैं एक बड़े स्तर पर काम कर रहा होता. जयंत ने बताया कि कैंसर ने मुझे फेमस किया है. कैंसर से ही मुझे लोग जानते हैं. स्टार्टअप से जो शोहरत मिलती है वह मुझे कैंसर से भी मिली है. कैंसर के कारण ही मुझे लोग जानते हैं. मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैं लोगों से आगे बढ़कर बात करता हूं कि मुझे कैंसर था. आज मेरी वही पॉजिटिवनेस सभी को देने की करता हूं.

जयंत ने बताया कि वह कई एनजीओ के साथ जुड़े हुए हैं. जहां वह कैंसर से जुड़े प्रोग्राम्स में जागरूक करते हैं. जयंत ने बताया कि कर्नाटक के अंदर उनके बारे में बच्चों को पढ़ाया भी जाता है. 6th क्लास से लेकर बच्चों को चैप्टर में उनके जर्नी पढ़ाई जाती है. कैसे कैंसर को बीट करके आगे बाद इसके बारे में पढ़ाया जाता है. किताब को मणिकरण नाम के व्यक्ति के द्वारा लिखा गया है. 2022 में इस किताब को लिखा गया था.

ये भी पढ़ें- Kishangarh Dumping Yard: सर्दियों में घूमने के लिए बेस्ट है राजस्थान का मालदीव

Reported By- अभिजीत दवे

Trending news