नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ 2019 में हुए प्रदर्शनों की बरसी पर हर साल “जामिया प्रतिरोध दिवस” मनाया जाता है, जिससे नाराज होकर पुलिस ने दो शोध छात्रों को कारण बताओं नोटिस जारी किया था. इसी से छत्र भड़क गए थे, जिसके बाद कुछ छात्रों को हिरासत में ले लिए गया है.
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नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में छात्रों के भारी- विरोध में प्रदर्शन के बाद पुलिस ने 10 से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि ये विरोध- प्रदर्शन पीएचडी के दो छात्रों पर विश्वविद्यालय की अनुशासनात्मक कार्रवाई के बाद शुरू हुआ था. रिसर्च के दो छात्रों को पिछले साल कैम्पस में विरोध-प्रदर्शन आयोजित करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस भेजा गया था. छात्रों ने प्रशासन के इस कदम की निंदा की है.
प्रदर्शनकारी छात्र पिछले साल प्रदर्शनों में हिस्सा लेने वाले छात्रों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं. उधर, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति 25 फरवरी को बैठक करेगी, जिसमें 15 दिसंबर 2024 को "जामिया प्रतिरोध दिवस" के आयोजन में पीएचडी के दो छात्रों की भूमिका की समीक्षा की जाएगी.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 2019 में हुए प्रदर्शनों की बरसी पर हर साल “जामिया प्रतिरोध दिवस” मनाया जाता है.
प्रदर्शनकारी छात्रों पर इलज़ाम
विश्वविद्यालय प्रशासन ने दावा किया है कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने ‘सेंट्रल कैंटीन’ समेत यूनिवर्सिटी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय में तोड़-फोड़ कर दी, जिससे प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
पुलिस के मुताबिक, यूनिवर्सिटी ने छात्रों को विरोध-प्रदर्शन की जगह से हटाने के लिए पुलिस से अनुरोध किया था ताकि कानून- व्यवस्था खराब न हो. पुलिस ने कहा, "विश्वविद्यालय से अनुरोध मिलने के बाद हमने सुबह चार बजे 10 से ज्यादा छात्रों को विरोध-प्रदर्शन स्थल से हटाया था. इसके अलावा, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कैम्पस के बाहर काफी तादाद में पुलिस बल तैनात किए हैं.” पुलिस अफसर ने बताया कि 10 से ज्यादा छात्रों को हिरासत में लिया गया है और जांच जारी है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा, "कुछ छात्रों ने विरोध-प्रदर्शन किया और 10 फरवरी की शाम को शैक्षणिक ‘ब्लॉक’ में गैर कानूनी तरीके से जमा हो गए थे. उन्होंने न सिर्फ क्लास संचालन में बाधा पहुंचाई है, बल्कि दूसरे छात्रों को ‘सेंट्रल लाइब्रेरी’ तक पहुंचने और क्लास करने से भी रोक दिया, जबकि अभी सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं."