सऊदी अरब के शिक्षक ने जीता 1 मिलियन डॉलर वाला ग्लोबल टीचर प्राइज; इस काम से मिली पहचान
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2644871

सऊदी अरब के शिक्षक ने जीता 1 मिलियन डॉलर वाला ग्लोबल टीचर प्राइज; इस काम से मिली पहचान

 Saudi educator Al Mansour wins USD 1 million Global Teacher Prize: यूनाइटेड अरब अमीरात के वर्की फाउंडेशन ने शिक्षा के प्रसार के लिए सऊदी अरब के एक शिक्षक को पूरे 1 मिलियन डॉलर के ग्लोबल टीचर अवार्ड से नवाज़ा है. 

मंसूर अल-मंसूर

Saudi educator Al Mansour wins USD 1 million Global Teacher Prize:  इस्लाम में पाक परवरदिगार और अपने माँ-बाप के बाद अगर किसी तीसरे शख्स को सबसे ज्यादा इज्ज़त बख्शा गया है, तो वो है उस्ताद. हालाँकि, इसके लिए ये भी ज़रूरी है कि उस्ताद भी उस मेयार को होना चाहिए, जो तालीम दने को अपना दूसरा धर्म मानता हो. ऐसा ही एक शिक्षक सऊदी अरब में है, जिसे वहां की सरकार ने 2 - 4 लाख नहीं वरना, पूरे 1 मिलियन डॉलर के ग्लोबल टीचर अवार्ड से नवाज़ा है. 

दुनियाभर के टीचर इस आयोजन में लेते हैं हिस्सा 
मंसूर अल-मंसूर नाम के इस टीचर को दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट में यह अवार्ड दिया गया है. यह एक सालाना प्रोग्राम होता है, जिसमें दुनिया भर के टीचर्स हिस्सा लेने आते हैं. अल-मंसूर टीचर होने के साथ- साथ एक लेखक भी हैं. वो लोगों के बीच रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं. अल-मंसूर के कामों में एक ऐसा कम भी शामिल है, जिसने सऊदी अरब के चिलचिलाती गर्मी के महीनों में लोगों को एयर कंडीशनिंग के रखरखाव की सुविधा सुनिश्चित करने वाली तकनीक का इजाद किया था. 

अबतक 9 शिक्षकों को मिल चुका है ये अवार्ड 
अल-मंसूर इस फाउंडेशन से अवार्ड जीतने वाले नौवें शिक्षक हैं. कंपनी ने 2015 से पुरस्कार देना शुरू किया था. पिछले विजेताओं में एक सुदूर गाँव का एक केन्याई शिक्षक भी शामिल है, जिसने अपनी कमाई का ज़्यादातर हिस्सा गरीबों को दे दिया था.  एक फिलिस्तीनी प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका और एक कनाडाई शिक्षक को भी यह इनाम मिल चुका है, जो दूर- दराज़ का गाँव में जाकर गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं.

अवार्ड के तौर पर आखिर कौन देता है इतनी मोटी रकम ? 
हर साल यह अवार्ड वर्की फाउंडेशन द्वारा दिया जाता है, जिसके संस्थापक सनी वर्की ने जीईएमएस एजुकेशन नाम की एक कंपनी की स्थापना की थी, जो मिस्र, कतर और यूएई में दर्जनों स्कूल चलाती है. GEMS एजुकेशन, या ग्लोबल एजुकेशन मैनेजमेंट सिस्टम, दुनिया के सबसे बड़े निजी स्कूल संचालकों में से एक है. ऐसा माना जाता है कि इसकी कीमत अरबों में है. GEMS इस साल के आखिर में एक स्कूल खोलने की योजना बना रहा है, जो अब तेजी से बढ़ते, गगनचुंबी इमारतों से भरे दुबई में रहने वाले अति-धनी परिवारों के बच्चों को लक्षित करेगा. दुबई के जेम्स स्कूल ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन, जिसमें रोबोटिक्स लैब, ओलंपिक आकार का स्विमिंग पूल और एक ऊंचा फुटबॉल मैदान बनाने की योजना है, अपने कैम्पस के अंदर एक हेलीपैड भी बना रहा है. यहाँ प्री-के और किंडरगार्टन के बच्चों के लिए 31,000 अमेरिकी डॉलर से लेकर हाई स्कूल के सीनियर स्टूडेंट्स के लिए 56,000 अमेरिकी डॉलर तक की फीस ली जाएगी. 

 

Trending news