Rajasthan Crime News: राजस्थान के जयपुर के झोटवाड़ा इलाके में कैश कलेक्शन एजेंट से डकैती के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि डकैती का मास्टरमाइंड खुद को निर्दोष दिखाने के लिए मंदिर दर्शन के लिए निकल गया था.
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Rajasthan News: जयपुर के झोटवाड़ा इलाके में कैश कलेक्शन एजेंट से डकैती के मामले का पुलिस ने सोमवार दोपहर खुलासा कर दिया. पुलिस ने इस वारदात में शामिल तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस जांच में सामने आया कि डकैती का मास्टरमाइंड एक व्यक्ति था, जिसने फ्लिपकार्ट कंपनी में काम करने वाले अपने दोस्त के साथ मिलकर इस घटना की साजिश रची. उन्होंने वारदात को अंजाम देने के लिए एक रेंटल कार का इस्तेमाल किया. दिलचस्प बात यह रही कि वारदात के बाद मास्टरमाइंड खुद को निर्दोष दिखाने के लिए मंदिर दर्शन के लिए निकल गया था. फिलहाल, पुलिस फरार अन्य बदमाशों को पकड़ने के लिए लगातार दबिश दे रही है.
पुलिस जांच में सामने आया कि 14 फरवरी की सुबह करीब 10:45 बजे कैश कलेक्शन एजेंट पीयूष अग्रवाल (45) फ्लिपकार्ट कंपनी के कमानी चौराहा स्थित ऑफिस से कैश कलेक्शन के लिए निकले थे. उनके बैग में 5 लाख रुपये थे. जैसे ही वे बाहर निकले, चार-पांच नकाबपोश बदमाशों ने उन पर हमला कर बैग लूट लिया और मौके से फरार हो गए. वारदात के बाद झोटवाड़ा पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर बदमाशों की पहचान की. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है.
एडिशनल डीसीपी (वेस्ट) आलोक सिंघल ने बताया कि पुलिस की प्रारंभिक जांच में डकैती का मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह निकला. उसका दोस्त राजेंद्र रावत फ्लिपकार्ट कंपनी में काम करता था. कुछ समय पहले दोनों की मुलाकात हुई, जहां कर्ज को लेकर बातचीत के दौरान राजेंद्र रावत ने कैश कलेक्शन एजेंट के लाखों रुपये लाने-ले जाने की जानकारी दी. इसी बातचीत के दौरान राजेंद्र सिंह ने डकैती की साजिश रची और अपने साथियों को इकट्ठा किया. योजना के मुताबिक, राजेंद्र रावत को कैश कलेक्शन एजेंट की मूवमेंट की जानकारी देने की जिम्मेदारी दी गई. इसी के आधार पर बदमाशों ने वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस जांच में सामने आया कि 14 फरवरी को राजेंद्र सिंह ने अपने गांव के पते पर वैशाली नगर से रेंटल कार बुक की. इसके बाद तीन-चार साथियों के साथ उस कार में बैठकर वारदात स्थल के आसपास घूमता रहा. इस दौरान फ्लिपकार्ट कंपनी में काम करने वाले राजेंद्र रावत ने कैश कलेक्शन एजेंट पीयूष अग्रवाल की मूवमेंट की जानकारी दी. सुबह करीब 10:45 बजे, जैसे ही पीयूष अग्रवाल बाइक पर बैठकर ऑफिस से निकला, बदमाशों ने कार से उसे रोक लिया. उन्होंने पहले उस पर पिस्तौल तानी, फिर डंडों से पीटना शुरू कर दिया. इसके बाद पांच लाख रुपये कैश से भरा बैग छीनकर वे कार में बैठकर फरार हो गए. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से जांच शुरू की और वैशाली नगर स्थित रेंटल कार डीलर तक पहुंच गई. वहां से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह का नाम पता चला. इसके बाद पुलिस ने रेंटल कार को जब्त कर लिया और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी.
एडिशनल डीसीपी (वेस्ट) आलोक सिंघल ने बताया कि पुलिस टीम ने लगातार दबिश देते हुए करणी विहार स्थित उसके घर तक पहुंची, लेकिन मकान बंद मिला. इसके बाद पुलिस ने उसे ट्रेस करना शुरू किया. रविवार रात जब वह वापस लौटा, तो पुलिस ने तुरंत दबिश देकर उसे पकड़ लिया. हालांकि, पुलिस से बचने के दौरान वह गड्ढे में गिर गया, जिससे उसका पैर टूट गया. घायल होने के चलते पुलिस ने उसे एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया. प्रारंभिक पूछताछ में राजेंद्र सिंह ने बताया कि उसने "पाप धोने" के लिए पत्नी के साथ मंदिरों के दर्शन करने का बहाना बनाया था. आगे की जांच में पुलिस ने डकैती में शामिल अन्य बदमाश विजय सेन और राजेंद्र रावत को भी गिरफ्तार कर लिया.
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