Jaipur News: फार्मर रजिस्ट्री शिविर कल से, किसानों की बनेगी आईडी.हर किसान को मिलेगी 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान. 5 फरवरी से 31 मार्च तक ग्राम पंचायतों में होगा शिविरों का आयोजन. शिविरों में किसानों को मिलेगी 11 नम्बर की विशिष्ट फॉर्मर आइडी. किसानों को सशक्त करने के लिए राज्य सरकार ने उठाया कदम. एग्रीस्टैक योजना में किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट की कल से होगी शुरूआत. शिविरों में किसानों को फार्मर रजिस्ट्री आई.डी. बनाई जाएगी. सुबह 9:30 बजे से सायं 5:30 बजे तक होगा शिविरों का आयोजन.
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Rajasthan News: किसानों को सशक्त करने के लिए उन्हें डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है. एग्रीस्टैक योजना में किसान रजिस्ट्री प्रोजेक्ट को कल से राजस्थान में लागू किया जाएगा. यानि की अब राजस्थान के किसानों की पहचान अब 11 अंकों की यूनिक आईडी से होगी. इस फार्मर आईडी के जरिए किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने में आसानी होगी. यह फार्मर रजिस्ट्री केंद्र सरकार द्वारा संचालित एग्रीस्टैक योजना के तहत बनाई जाएंगी.
किसानों को डेटा बैंक तैयार करने की तैयारी चल रही है. किसानों को अब 11 अंकों की यूनिक फार्मर आइडी मिलेगी. इस आइडी से योजनाओं का लाभ सीधा किसान तक आसानी से पहुंच सकेगा. इसके लिए पंचायत स्तर पर 5 फरवरी से फार्मर रजिस्ट्री शिविर लगाए जा रहे हैं. केन्द्र सरकार की एग्रीस्टेक योजना के तहत प्रत्येक किसान को 11 अंकों का यूनिक फार्मर आइडी नंबर मिलेगा. इसे किसानों के आधार नंबर से लिंक किया जाएगा. इस यूनिक आइडी नंबर पर किसानों को पीएम किसान समान निधि सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा. इसके लिए समस्त पंचायतों में फार्मर रजिस्ट्री शिविर लगाए जाएंगे. केन्द्र सरकार की ओर से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और किसानों को जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभांवित कराने के लिए एग्रीस्टेक डिजिटल कल्चर इनिशिएटिव के तहत एग्रीस्टेक डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना शुरू की. राजस्व गांवों का डिजिटल मैप तैयार कराया है. मोबाइल ऐप से जीआइएस आधारित रियल टाइम क्रॉप सर्वे कराया जा रहा है. अब प्रत्येक किसान का रजिस्ट्रेशन होगा. रजिस्ट्रेशन के बाद किसान को 11 अंकों का यूनिक नंबर दिया जाएगा. किसान की अलग पहचान होगी.
इस फार्मर आइडी से किसान के कृषि भूखंड और हिस्से जुड़े रहेंगे. इसमें व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी कि कोई किसान जमीन की खरीद एवं बेचान करता है तो रेकॉर्ड अपने आप अपडेट हो जाए. इससे राज्य सरकार को किसानों, उनकी कृषि भूमि, फसल अपादन और संबंधित गतिविधियों पर रीयल-टाइम डेटा उपलब्ध होगा और सरकार बेहतर नीतियां बना सकेगी. फार्मर आइडी में किसान का नाम, पिता का नाम उसके स्वामित्व वाले खेत का खसरा नंबर, मोबाइल और आधार नंबर दर्ज होगा. शिविरों में किसानों की जानकारी का व्यापक डेटाबेस तैयार करते हुए प्रत्येक किसान को विशिष्ट फार्मर आइडी दी जाएगी. इससे किसानों को केन्द्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में सुगमता एवं पारदर्शिता आएगी. पीएम किसान समान निधि की किस्त के साथ फसल बीमा का लाभ प्राप्त करने में आसानी होगी. खराबे में किसानों का चिन्हीकरण आसान होगा. न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए किसानों का स्वत: रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. किसानों को कल्याण की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए बार-बार सत्यापन या रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ेगा.
फार्मर रजिस्ट्री के उद्देश्य
1. प्रदेश के सभी किसानों की आधार लिंक्ड रजिस्ट्री तैयार करना, जिससे योजनाओं का नियोजन, लाभार्थियों का सत्यापन, कृषि उत्पादों के विपणन आदि सुविधाजनक होगा.
2. कृषकों के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ सुगम एवं पारदर्शी तथा समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराना.
3. योजनाओं में लाभ के लिए अथवा अन्य उद्देश्य से कृषकों की पहचान एवं प्रमाणीकरण में सुगमता प्रदान करना.
4. किसानों के लिए कृषि ऋण, वित्त, आदानों और अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए कृषि सेवाओं को सुगमता से उपलब्ध कराना.
5. प्रदेश के किसानों को बेहतर सेवा देने के लिए कृषि संबद्ध विभागों के बीच योजना अभिसरण का सरलीकरण.
6. उच्च गुणवत्ता वाले डेटा तक आसान पहुंच के साथ एग्रीस्टैक द्वारा उत्पादों और सेवाओं में नवाचार का विस्तार.
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया की जयपुर जिले में किसान रजिस्ट्री शिविरों के सफल आयोजन और जिले के समस्त किसानों का एग्रीस्टैक पर रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया है. शिविरों के व्यापक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिये हैं ताकि जिले के प्रत्येक किसान को ना केवल शिविरों के आयोजन की जानकारी हो बल्कि शिविरों में किसान फार्मर आर्डडी बनाने के साथ-साथ अन्य विभागीय योजनाओं से लाभांवित हों सकें. जयपुर में किसान रजिस्ट्री अभियान का आयोजन ग्राम स्तर पर 5 फरवरी से 31 मार्च तक किया जायेगा. इसके तहत ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित शिविरों में किसानों की विशिष्ट किसान आईडी बनाई जायेगी. शिविरों का आयोजन सुबह साढे नौ से शाम साढे पांच तक किया जाएगा. शिविर में किसान आईडी तैयार करने के साथ साथ प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना, मुख्यमंत्री आरोग्य आयुष्मान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड मंगला पशु बीमा योजना, पशु टीकाकरण, पशु चिकित्सा एवं उपचार सहित पशु पालन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य विभागों की योजनाओं से भी किसानों को लाभांवित किया जाएगा.
बहरहाल, हर पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए 5 फरवरी से शिविरों का आयोजन होगा. जिसमें दस्तावेजों के आधार पर किसानों को 11 अंक की यूनिक आइडी जारी की जाएगी. किसानों को सरकारी की विभिन्न योजनाओं का रजिस्ट्रेशन और फायदा इन शिविरों में मिलेगा. शिविरों से किसानों को फायदा लेना चाहिए. यह आईडी भविष्य में किसानों के लिए बेहतर साबित होगी.
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