Jaipur News: राजस्थान के आगामी बजट से नगर निगमों को बड़ी उम्मीदें हैं. जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो निगमों का एकीकरण होगा. बीकानेर, भरतपुर और अजमेर जैसे शहरों में वित्तीय संकट गहराया. अब देखना यह है कि सरकार निकायों की बदहाल स्थिति सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठाती है!
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Rajasthan News: राजस्थान में आगामी 19 फरवरी को पेश होने वाले बजट से प्रदेश के विभिन्न नगर निकायों को बड़ी उम्मीदें हैं. स्वायत्त शासन विभाग के अंतर्गत आने वाले नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिकाएं लंबे समय से वित्तीय संकट और व्यवस्थागत खामियों से जूझ रही हैं. ऐसे में इस बार के बजट से इन निकायों को राहत मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. प्रदेश सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगमों को एक करने का फैसला लिया है. स्वायत्त शासन विभाग की अधिसूचना के बाद अब परिसीमन और पुनर्गठन की प्रक्रिया 15 मई तक पूरी की जाएगी. वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर नगर निकायों का पुनर्गठन किया जाएगा. सरकार का कहना है कि इस फैसले से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और निकायों की वित्तीय स्थिति भी मजबूत होगी.
अजमेर नगर निगम वित्तीय संकट से जूझ रहा है. राजस्व अर्जन के प्रयास विफल हो रहे हैं और व्यापारियों से यूजर चार्ज वसूलने में असफलता मिली है. वहीं, स्वच्छता सर्वेक्षण में हर साल पिछड़ने के कारण शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार की जरूरत है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत पटेल खेल मैदान को अपग्रेड किया गया, लेकिन खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.
जोधपुर नगर निगम को भी इस बजट से बड़ी उम्मीदें हैं. शहर के सौंदर्यीकरण, सड़कों के रखरखाव और जल निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग की दरकार है. खासतौर पर बारिश के मौसम से पहले नालों की सफाई के लिए पर्याप्त फंड की जरूरत है. शिक्षा नगरी कोटा को भी इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. पर्यटन और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है, जिसके लिए बजट आवंटन की संभावना जताई जा रही है. इसके अलावा, कांग्रेस शासन में शहर को दो नगर निगमों में बांटा गया था, जिसे अब फिर से एक करने की योजना बनाई गई है.
उदयपुर की झीलों की सफाई और शहर में एलिवेटेड रोड निर्माण कार्य के लिए भी इस बजट में राशि मिलने की उम्मीद की जा रही है. बीकानेर नगर निगम भारी वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, जहां करीब 560 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता बताई जा रही है. वहीं, भरतपुर नगर निगम की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि पूरा बजट कर्ज चुकाने में ही खर्च हो जाता है, जिससे सरकारी फंडिंग की सख्त जरूरत है. अब देखना यह होगा कि 19 फरवरी को सरकार इन मांगों को कितनी प्राथमिकता देती है और निकायों की बदहाल स्थिति सुधारने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं.
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Reported By- प्रीति सैनी