10 साल से सोनिया गांधी से मिलने नहीं दिया गया..क्या BJP में जाएंगे? मणिशंकर अय्यर ने बताया प्लान
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10 साल से सोनिया गांधी से मिलने नहीं दिया गया..क्या BJP में जाएंगे? मणिशंकर अय्यर ने बताया प्लान

Mani Shankar Aiyar: मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस के मौजूदा हालात पर कहा कि पार्टी को  झुककर जीतना सीखना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन INDIA में अपनी नेतृत्व की महत्वाकांक्षा छोड़नी चाहिए. सभी सहयोगी दलों का सम्मान करना होगा.

10 साल से सोनिया गांधी से मिलने नहीं दिया गया..क्या BJP में जाएंगे? मणिशंकर अय्यर ने बताया प्लान

Congress Leader on Gandhi Family: कांग्रेस के सीनियर लीडर मणिशंकर अय्यर एक बार फिर चर्चा में हैं. इन बार उन्होंने अपना दर्द भी बयान किया है. उन्होंने कई सवालों पर अपनी बात रखी. साथ ही गांधी परिवार के साथ अपने समीकरण और पार्टी के भीतर अपनी स्थिति पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में उन्हें सोनिया गांधी से व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर नहीं मिला. राहुल गांधी के साथ भी सार्थक बातचीत का मौका सिर्फ एक बार मिला, जबकि प्रियंका गांधी से उनकी बातचीत कुछ फोन कॉल्स तक सीमित रही. अय्यर ने कहा कि मेरी राजनीतिक यात्रा गांधी परिवार ने बनाई और समाप्त भी उन्होंने ही की है.

गांधी परिवार के साथ रिश्तों की झलक..  दर्द भी छलका
असल में न्यूज एजेंसी पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में अय्यर ने बताया कि एक बार उन्होंने प्रियंका गांधी को फोन कर राहुल गांधी को शुभकामनाएं भिजवाईं.उन्होंने सोनिया गांधी से जुड़ा एक किस्सा भी साझा किया जब उन्होंने उन्हें मेरी क्रिसमस कहा और सोनिया ने जवाब दिया कि मैं ईसाई नहीं हूं. अय्यर ने कहा कि वह खुद भी किसी धर्म में विश्वास नहीं करते, लेकिन सभी धर्मों का समान सम्मान करते हैं.

कांग्रेस की 2014 की हार और प्रणब मुखर्जी का जिक्र.. 
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार पर चर्चा करते हुए अय्यर ने कहा कि पार्टी इस कदर शर्मनाक हार से बच सकती थी. उन्होंने सुझाव दिया कि उस समय मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति और प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी की बीमारी और मनमोहन सिंह की स्वास्थ्य समस्याओं के चलते पार्टी नेतृत्व कमजोर हो गया था. अय्यर ने आगे कहा कि अगर प्रणब मुखर्जी प्रधानमंत्री होते, तो हार होती, लेकिन इतनी बड़ी नहीं होती.

पार्टी के भीतर असंतोष और इंडिया गठबंधन की दिशा.. 
मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस के मौजूदा हालात पर कहा कि पार्टी को  झुककर जीतना सीखना होगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को विपक्षी गठबंधन INDIA में अपनी नेतृत्व की महत्वाकांक्षा छोड़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सभी सहयोगी दलों का सम्मान करना होगा और स्थानीय मुद्दों पर विवाद से बचना होगा." उन्होंने इंडिया गठबंधन की सराहना करते हुए इसे एक सही कदम बताया.

हरशद मेहता घोटाले से जुड़े अनुभव भी बता दिए.. 
अपने संस्मरणों में अय्यर ने 1990 के दशक में हरशद मेहता घोटाले से जुड़े एक अनुभव का भी उल्लेख किया. इस पर उन्होंने बताया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मुलाकात के बाद जब वे डॉ. मनमोहन सिंह के घर पहुंचे, तो मनमोहन सिंह ने उन्हें घर के अंदर बात करने से रोका. मनमोहन ने कहा कि उन्हें शक है कि उनका घर जासूसी के लिए बग किया गया है.

बीजेपी में जाने की संभावना?
आखिर में जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो अय्यर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को कभी नहीं त्यागेंगे. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी का सदस्य हूं और रहूंगा. मैं कभी बीजेपी में शामिल नहीं होऊंगा. मणिशंकर अय्यर का यह इंटरव्यू चर्चा का विषय बना हुआ है.

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