DNA Analysis: साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को क्यों परोसा गया मांसाहार? महाशिवरात्रि पर हिंसा की 'नॉनवेज साजिश' का क्या है सच
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DNA Analysis: साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को क्यों परोसा गया मांसाहार? महाशिवरात्रि पर हिंसा की 'नॉनवेज साजिश' का क्या है सच

South Asian University Food Controversy: दिल्ली के मेहरोली में बनी साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में महाशिवरात्रि पर हिंदू छात्रों को मांसाहार परोसने का मामला तूल पकड़ रहा है. आखिर महाशिवरात्रि पर हिंसा की 'नॉनवेज साजिश' का सच क्या है. 

DNA Analysis: साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को क्यों परोसा गया मांसाहार? महाशिवरात्रि पर हिंसा की 'नॉनवेज साजिश' का क्या है सच

South Asian University Latest Updates: दिल्ली से एक हैरान करने वाली खबर आई है लेकिन इसके तार बांग्लादेश में पनपी और फैली हिंदूओं के खिलाफ नफरत से जुड़े नजर आ रहे हैं. दरअसल दिल्ली की एक यूनिवर्सिटी में महाशिवरात्रि के दिन नॉनवेज खाना परोसा गया. यूनिवर्सिटी में नॉनवेज खाने को लेकर छात्रों के दो गुटों के बीच बहस हुई. ये बहस इतनी बढ़ गई कि बात हाथापाई तक पहुंच गई. यूनिवर्सिटी में महाशिवरात्रि के दिन नॉनवेज खाना देने पर ABVP ने आवाज उठाई तो वहीं SFI के छात्र इस बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं. अब ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि महाशिवरात्रि पर नॉनवेज खाना महज एक गलती थी या फिर इसे जानबूझकर नफरत को भड़काने के लिए किया गया.

कैंटीन में मांसाहार परोसने का आरोप

ये दिल्ली की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी साउथ एशिया यूनिवर्सिटी के होस्टल कैंटीन की तस्वीरें हैं. महाशिवरात्रि के दिन हॉस्टल कैंटीन में खाने को लेकर ऐसा महाभारत हुआ कि तस्वीरें देशभर में वायरल हो गईं. दरअसल ABVP ने महाशिवरात्रि की शाम हॉस्टल की कैंटीन में मांस परोसने का आरोप लगाया और SFI गुट पर धार्मिक स्वतंत्रता के हक के हनन का आरोप लगा दिया. मुद्दा इतना गरमाया कि ABVP और SFI गुट के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. 

महाशिवरात्रि पर रची गई साजिश?

महाशिवरात्रि पर मांसाहार परोसे छाने के मामले में छात्र गुटों की लड़ाई इस हद तक पहुंच गई कि जांच के लिए पुलिस को आना पड़ा. साउथ एशिया यूनिवर्सिटी में बांग्लादेशी छात्रों की अच्छी खासी तादाद है. अब इस पूरे विवाद के सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाशिवरात्रि पर नॉनवेज खाना देना महज एक गलती थी या फिर हिंदुओं की धार्मिक आस्था के साथ जानबूझकर साजिश की गई. क्या बांग्लादेश में तैयार हिंदू विरोधी माहौल की आंच से यूनिवर्सिटी को जलाने की साजिश है. 

क्या जानबूझकर फेंकी गई फिश करी?

जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में नजर आ रहे शख्स का नाम राघवेंद्र है. दावा किया जा रहा है कि जान बूझकर साजिश के तहत उनके ऊपर फिश करी फेंकी गई. कहा जा रहा है कि हॉस्टल में पहले से ही वेज खाने की मांग की गई थी लेकिन खाना नॉनवेज परोसा गया. ABVP का आरोप है कि SFI के छात्रों ने गुंडागर्दी की और नॉनवेज खिलाकर व्रत तुड़वाने की कोशिश की गई. जबकि SFI के कार्यकर्ताओं ने ABVP पर लड़कियों से मारपीट का आरोप लगाया है.

व्रतियों को मांसाहार खिलाने की कोशिश

इस पूरे विवाद पर ABVP का कहना है कि हिंदू धार्मिक भावनाओं पर जानबूझकर हमला किया गया. दावे के मुताबिक, छात्रों ने मेस प्रशासन से अनुरोध किया था कि महाशिवरात्रि के विशेष दिन सात्विक भोजन की व्यवस्था की जाए. इस मामले में मेस प्रबंधक से चर्चा की गई थी तो लगभग 110 छात्रों ने व्रत के भोजन की मांग की थी. - छात्रों की इस मांग को स्वीकार करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो अलग-अलग मेस में से एक मेस में सात्विक भोजन की व्यवस्था की. लेकिन कुछ वामपंथी लोगों ने जानबूझकर इस धार्मिक सौहार्द्र को बिगाड़ने की कोशिश की. जब व्रतधारी छात्रों के लिए निर्धारित मेस में सात्विक भोजन परोसा जा रहा था तब SFI से जुड़े छात्रों ने जबरन नॉनवेज परोसने की कोशिश की. 

पुलिस कर रही मामले की जांच

फिलहाल मामला पुलिस के पास पहुंच गया है. सभी पक्षों की शिकायत के बाद पुलिस जांच कर रही है. लेकिन महाशिवरात्रि पर दिल्ली की यूनिवर्सिटी में इस तरह की करतूत को बांग्लादेश की कट्टरपंथी सोच के साइड इफेक्ट के तौर पर भी देखा जा रहा है. साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में महाशिवरात्रि के दिन नॉनवेज पर बवाल का कनेक्शन बांग्लादेश की नफरती सोच से क्यों जोड़ा जा रहा है उसके लिए आपको इस यूनिवर्सिटी का इतिहास समझना होगा.

यूनिवर्सिटी का समझें इतिहास

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी की स्थापना का प्रस्ताव साल 2005 में ढाका में रखा गया. ढाका के तेरहवें सार्क शिखर सम्मेलन में इस यूनिवर्सिटी को तैयार करने का फैसला लिया गया. इसका उद्देश्य सार्क देशों के स्टूडेंट्स को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराना था. 4 अप्रैल 2007 को नई दिल्ली में चौदहवें सार्क शिखर सम्मेलन में दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय की स्थापना के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. सबसे पहले इसका एक अस्थायी परिसर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बनाया गया था. लेकिन जनवरी 2023 ये यूनिवर्सिट महरौली के मैदान गढ़ी में 100 एकड़ की जमीन पर शिफ्ट की गई. साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में वामपंथी और बांग्लादेशी स्टूडेंट्स की बड़ी तादाद है.

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