नई दिल्ली: हेल्थ टिप्स: क्या आप भी अपने झड़ते बालों से परेशान हैं और लाख कोशिशों के बाद भी इस पर कंट्रोल नहीं हो रहा है, तो आपको इसके आसान तरीके से रूबरू करवाते हैं. बालों का झड़ना अस्थायी या स्थायी हो सकता है. किसी के भी सिर के बाल झड़ सकते हैं, लेकिन यह पुरुषों में अधिक आम है.
गंजापन आमतौर पर खोपड़ी से अत्यधिक बालों के झड़ने को संदर्भित करता है. उम्र के साथ बालों का झड़ना गंजेपन का सबसे आम कारण है. कुछ लोग अपने बालों के झड़ने की प्रक्रिया को अनदेखा कर देते हैं, जिसके कारण उनके बाल पूरी तरह से झड़ जाते हैं. बालों की सेहतमंद रखने के लिए तिल और अलसी का विशेष तौर पर उपयोग करना चाहिए. आपको इसके फायदे और सेवन करने के तरीके के बारे में बताते हैं.
तिल के फायदे
तिल के बीज बालों को मजबूत करने में और बालों के झड़ने को रोकने में काफी सहायक होते हैं. काले तिल के बीज में विटामिन बी, आयरन आदि होते हैं और इनमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो बालों को सफेद होने से बचाने में भी मदद करते हैं. यह हेयर टॉनिक के रूप में काम करते हैं. इसमें मौजूद विटामिन ई और लिगनेन भी स्किन को सूद. करने में मदद करता है. यह बालों के साथ साथ स्किन को मुलायम और जवान बनाए रखने में भी मदद करता है. इसे कैल्शियम का एक बाय प्रोडक्ट माना जाता है. इसे आयुर्वेद बालों और नाखूनों के लिए भी अच्छा मानता है. इस प्रकार तिल आपके शरीर में कैल्शियम लेवल को भी इंप्रूव करने में मदद करता है. जिससे बालों की गुणवत्ता में सुधार आता है.
अलसी के फायदे
अलसी के बीजों में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है साथ ही इसमें विटामिन बी, विटामिन सी और बहुत से ऐसे पौष्टिक तत्व होते हैं जो बाल झड़ने से रोकने में मदद करते हैं. यह स्कैल्प को सूद करने में मदद करता है और स्कैल्प पर आने वाली इंफ्लेमेशन को कम करने में भी सहायक है. इससे बालों के विकास में मदद मिलती है. अलसी के बीजों में विटामिन बी होता है और इसमें बायोटिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, पाइरोडाइजिन, फोलिक एसिड जैसे तत्व होते हैं जो बालों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं. अलसी के बीजों में विटामिन ई भी होता है जो फ्री रेडिकल्स को कम करने में सहायक है और साथ ही हेयर फॉलिकल को मजबूत करने में भी सहायक होता है.
कैसे करें सेवन?
लंच और डिनर खाने के आधे घंटे के बाद इस मिश्रण को एक चम्मच का सेवन कर लें. इसे शाम को भी खा सकते हैं. जिन लोगों के शरीर में पित्त ज्यादा है उन्हें यह बीज घी में भून कर ही खाने चाहिए. रोजाना इसका सेवन 10 ग्राम में ही करना चाहिए ताकि कोई साईड इफेक्ट न हो.
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