दुनियाभर में भारत अपनी खूबसूरती को लेकर मशहूर है. यहां कई ऐसी चीजें होती हैं, जो अक्सर लोगों को हैरान कर देती है. ऐसा ही यहां एक शिव मंदिर है जिसमें हर साल ऐसा चमत्कार होता है कि लोग यकीन ही नहीं कर पाते.
भारत में भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर है जो कई मान्यताओं को लेकर प्रचलित हैं. ऐसा ही काशी में भगवान शिव का एक मंदिर स्थित है, जिसके बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर का शिवलिंग हर साल तिल जितना बढ़ता रहता है.
भारत में भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर है जो कई मान्यताओं को लेकर प्रचलित हैं. ऐसा ही काशी में भगवान शिव का एक मंदिर स्थित है, जिसके बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर का शिवलिंग हर साल तिल जितना बढ़ता रहता है.
काशी की रहने वाली एक श्रद्धालु ने इस मंदिर को लेकर बताया, 'हम लोग काफी समय से मंदिर आते रहे हैं. तिलभांडेश्वर हर साल तिल के बराबर बढ़ता है. महाशिवरात्रि पर बाबा के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं. बाबा स्वयंभू हैं और इनके दर्शन करने से पाप मिट जाते हैं और अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है. यहां हर सोमवार को कीर्तन भी होता है.'
काशी के पांडे हवेली इलाके में स्थित तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में हुआ था. यह मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर है. यहां का शिवलिंग हर साल तिल के दाने के बराबर बढ़ता है, और वर्तमान में इसकी ऊंचाई लगभग 3 फीट है. मान्यता है कि इस शिवलिंग के दर्शन से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है.
बता दें, तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि, सोमवार और प्रदोष व्रत पर बड़ी संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं. तिलभांडेश्वर मंदिर में भक्त कालसर्प दोष की शांति के लिए भी पूजा करते हैं. मंदिर में भोलेनाथ के अलावा कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं.
मान्यता है कि यह शिवलिंग स्वयंभू है. यह स्थान ऋषि विभांड की तपस्थली थी, जहां वे ध्यानपूर्वक पूजा करते थे. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ने वरदान दिया कि यह शिवलिंग हर साल तिल के बराबर बढ़ेगा. इसके दर्शन से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है. तिल के बराबर बढ़ने और ऋषि विभांड के नाम पर इसे तिलभांडेश्वर कहा जाता है.