भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं. कब्ज, अपच, पेट दर्द और गैस जैसी समस्याएं हर दूसरे व्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं. इन परेशानियों का समाधान हमारे पास है.
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भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर पेट की समस्याओं से परेशान रहते हैं. कब्ज, अपच, पेट दर्द और गैस जैसी समस्याएं हर दूसरे व्यक्ति को प्रभावित कर रही हैं. इन परेशानियों के समाधान के लिए आयुर्वेद में त्रिफला को रामबाण इलाज बताया गया है. आचार्य बालकृष्ण ने त्रिफला के अनगिनत फायदों के बारे में जानकारी दी है, जिसे आप भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं.
आपको बता दें कि त्रिफला तीन प्रमुख आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का मिश्रण है- आंवला, हरड़ और बहेड़ा. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, इन तीनों जड़ी-बूटियों का कॉम्बिनेशन पेट को साफ रखने और शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है.
पेट की सफाई के लिए असरदार
त्रिफला को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गहराई से सफाई होती है. यह आंतों में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालकर कब्ज से राहत दिलाता है. आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि त्रिफला का नियमित सेवन पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक है और आंतों को स्वस्थ बनाए रखता है.
पाचन शक्ति को मजबूत करता है
त्रिफला में मौजूद हरड़ पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करती है, जिससे खाना जल्दी और सही तरीके से पचता है. बहेड़ा आंतों को मजबूत बनाता है, जबकि आंवला शरीर में आवश्यक विटामिन सी की पूर्ति करता है. इन तीनों का कॉम्बिनेशन पाचन तंत्र को मजबूत बनाकर पेट से जुड़ी समस्याओं से बचाने में मदद करता है.
वजन घटाने में मददगार
त्रिफला वजन घटाने में भी कारगर है. यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है और अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है. आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि त्रिफला का नियमित सेवन शरीर से गंदगी को बाहर निकालता है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है. आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, त्रिफला को रात में गुनगुने पानी के साथ या सुबह खाली पेट लिया जा सकता है. इससे न केवल पेट की समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि शरीर को अंदर से ताकत मिलती है.