UPSC सिविल सेवा परीक्षा को भारत की सबसे चैलेंजिंग और कंपटीटिव परीक्षाओं में से एक माना जाता है. पश्चिम बंगाल की 23 साल की तमाली साहा ने अपने पहले अटेंप्ट में ही कठिन यूपीएससी आईएफएस परीक्षा पास करके एक अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है.
उनकी सफलता ने उन्हें पूरे देश में एक प्रेरणा बना दिया है, जिससे यह साबित होता है कि दृढ़ संकल्प, एक ठोस रणनीति और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
तमाली की जर्नी पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना से शुरू हुई, जहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. इसके बाद उन्होंने कोलकाता में कलकत्ता विश्वविद्यालय से जूलॉजी में डिग्री हासिल की.
कॉलेज के दिनों में भी तमाली यूपीएससी परीक्षा पास करने के अपने लक्ष्य में अडिग थीं. 2020 में, उनकी लगन का फल तब मिला जब उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी भारतीय वन सेवा परीक्षा पास कर ली और अखिल भारतीय स्तर पर 94वीं रैंक हासिल की.
इस शानदार उपलब्धि ने उन्हें भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी की प्रतिष्ठित भूमिका दिलाई, जिसकी पोस्टिंग उनके गृह राज्य पश्चिम बंगाल में हुई.
तमाली साहा की उपलब्धियों ने कई उम्मीदवारों को प्रेरित किया है, जो अपने परिवार, दोस्तों और समुदाय को गौरव प्रदान करने के अलावा, प्रमुख पदों पर रहने और सिविल सेवकों के रूप में काम करने की इच्छा रखते हैं.
उनकी कहानी इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि कैसे किसी की उम्र या उनके द्वारा पार की गई चुनौतियां उनके करियर को परिभाषित नहीं करती हैं, बल्कि, यह उनकी उपलब्धियां और उत्साह है, जो उन्हें अपने लक्ष्यों को वास्तविकता में बदलने के लिए प्रेरित करती है.
तमाली की अविश्वसनीय सफलता की कहानी देश भर के युवाओं को मोटिवेट करती है और बताती है कि सही अप्रोच, दृढ़ता और अटल समर्पण के साथ सब कुछ संभव है.
तमाली साहा की सफलता की कहानी यूपीएससी एस्पिरेंट्स के लिए बहुत बड़ी सीख है कि अगर कठिन मेहनत और सही स्ट्रैटेजी से तैयारी की जाए, तो यूपीएससी परीक्षा आसानी से क्रैक की जा सकती है. जरूरी नहीं कि इसके लिए कई अटेम्प्ट्स लगें.
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