Rajyasabha News: YSRCP नेता विजयसाई रेड्डी ने राजनीति से सन्यास ले लिया है. वहीं माना जा रहा है कि उनके इस्तीफे के बाद से NDA को सदन में और मजबूती मिल सकती है. भाजपा के पास फिलहाल 98 सांसद हैं.
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Rajyasabha News: युवाजना श्रामिका रैतु कांग्रेस पार्टी ( YSRCP) के संसदीय दल के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने शनिवार 26 जनवरी 2025 को राजनीति से सन्यास लेने का ऐलान किया है. उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंपा है. बता दें कि YSRCP के नेता के इस्तीफे के बाद से NDA को सदन में और मजबूती मिल सकती है. साल 2024 में YSRCP को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था. उसके बाद से यह पार्टी के किसी सदस्य का दूसरी बार इस्तीफा हुआ है.
NDA को मिलेगी बढ़त?
इससे पहले गठबंधन में 3 इस्तीफे होने के कारण NDA के सहयोगी TDP को दिसंबर 2024 में राज्यसभा में 2 सीटों के साथ अपना खाता खोलने में मदद मिली थी. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी की ताकत बिल्कुल शून्य हो चुकी थी. इस दौरान 2 खाली सीटों में से एक भाजपा को मिली थी. भाजपा के पास फिलहाल 98 सांसद हैं.
राज्यसभा में बढ़ेगी मजबूती
वैसे तो NDA ने 2 निर्दलीय और 6 नामित सदस्यों के साथ मिलकर अपर हाउस में बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन एक एक्स्ट्रा सीट मिलने से पार्टी की राज्यसभा में मजबूती अधिक बढ़ सकती है. भले ही वह सीट TDP, जन सेना पार्टी या खुद भाजपा को ही मिले. इसके अलावा केंद्र में आई सत्तारूढ़ गठबंधन के पास अभी फिलहाल 4 और नामित सदस्यों को शामिल करने का ऑप्शन है. ऐसा तब हो सकता है जब सरकार नॉमिनेटेड कैटेगरी में उन 4 खाली सीटों को भरने का फैसला करती है. बता दें कि नामित सदस्य किसी भी कानून या प्रस्ताव पारित करने के दौरान सरकार के साथ जा सकते हैं. राज्यसभा में 12 नामित सदस्यों का प्रावधान है.
इतनी सीटें होंगी खाली
क्योंकि वर्तमान में नामित 8 सदस्यों में से 2 गुलाम अली और सतनम सिंह बंधु को राष्ट्रपति की ओर से नामित किए जाने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे. इसलिए उन्हें पार्टी के शीर्ष नेता में गिना जाता है. जून-जलाई में कुछ सीट खाली होने वाली हैं, जिसमें जून में असम से 2 राज्यसभा सदस्य रिटायर होंगे. दोनों में से एक BJP तो एक AGP में है. इसके अलावा तमिलनाडु से भी जुलाई में 6 सदस्य रिटायर होने वाले हैं, जिसमें से 3 DMK और AIADMK, PMK और MDMK से एक एक सदस्य शामिल हैं. इनमें से भाजपा असम में अपनी सीट बरकरार रखेगी. वहीं DMK उपचुनाव के बाद अपनी संख्या में सुधार कर सकती है. AIADMK भी अपनी सीट को बरकरार रखने में सफल हो जाएगी.