BRA: ब्रा के बारे में कितना जानते हैं आप, फुल फॉर्म से लेकर 130 साल पुराने इतिहास तक रोचक है कहानी
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BRA: ब्रा के बारे में कितना जानते हैं आप, फुल फॉर्म से लेकर 130 साल पुराने इतिहास तक रोचक है कहानी

BRA History: ब्रा महिलाओं का सबसे महत्त्वपूर्ण वस्त्र है. समय के साथ ब्रा के स्टाइल, डिज़ाइन और रंगों में कई तरह का बदलाव आया है. यहां पढ़ें ब्रा की पूरी कहानी. 

 

BRA (File Photo)

BRA Full From: आकर्षक दिखने और शरीर को आराम देने के लिए महिलाएं ब्रा पहनती हैं. आज के समय में अधिकांश महिलाएं ब्रा के बारे में जानती हैं. फिर भी ब्रा के बारे में बात करने और खुलकर खरीदने में महिलाएं हिचक महसूस करती हैं. बहुत सी महिलाओं को अपना साइज भी पता नहीं होता इसलिए ब्रा खरीद ही नहीं पाती हैं. आज के इस लेख में हम ब्रा के बारे में कुछ रोचक जानकारियां पढ़ेंगे. 

ब्रा शब्द का मतलब - ब्रा को Brassiere (brassière) कहते हैं. पूरा नाम लम्बा होने की वजह से इसका शॉर्ट नाम  ब्रा पड़ गया. Brassiere फ्रेंच भाषा का शब्द है. सबसे पहले साल 1893 में इसे  ईवनिंग हेराल्ड पेपर न्यूयॉर्क में इस शब्द का इस्तेमाल हुआ. उसके बाद एक प्रसिद्ध पत्रिका वोग ने  1907 में brassiere शब्द को पहली बार प्रिंट किया.इसके बाद लोग इस शब्द और इस तरह के अंदरूनी कपडे को जानने लगे. कुछ सालों बाद इसे ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में भी जोड़ दिया गया. 
शुरुआत में Brassiere शब्द बच्चों के अंडर गारमेंट के लिए प्रयोग होता था. धीरे धीरे यह महिलाओं के स्तनों पर पहले जाने वाले वस्त्र के लिए प्रयोग होने लगा. 

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BRA का इतिहास
शुरूआती समय में भारत में ब्रा का प्रयोग अंग्रेज महिलाएं या संभ्रांत परिवार की महिलाएं ही करती थीं. Bra की एक और फुल फॉर्म भी है  BRA– Breast Resting Area. आम महिलाओं को इस कपडे के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. यहां तक कि 1930 तक महिलाओं के लिए ब्रा का अलग अलग कप साइज मौजूद नहीं था.  1930 में S. H. Camp कंपनी ने पहली बार अलग अलग कप साइज की ब्रा बाजार में पहुंचाई. आज हर महिला की जरुरत के हिसाब से अलग अलग दाम, साइज, रंग और डिजाइन की ब्रा लोकल मार्किट से लेकर बड़े से बड़े मॉल में उपलब्ध है. 

ब्रा के इस्तेमाल से जुडी जानकारियां - ब्रा हमेशा सही साइज की पहननी चाहिए. गलत साइज की ब्रा आपके स्तनों के आकार और बनावट पर असर डालती है. ब्रा को धोने के बाद धूप में सुखाना चाहिए. दूध पिलाने वाली माँ को हर रोज साफ ब्रा पहहनी चाहिए, क्योंकि दूध गिरने से इसमें कीटाणु पैदा हो जाते हैं.

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