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लखनऊ वाया कानपुर से भोपाल तक मिलेगी बुलेट ट्रेन की रफ्तार,‌ 700 किमी की दूरी कुछ घंटों में तय होगी

लखनऊ से भोपाल जाना अब और भी आसान होने वाला है. दोनों राज्यों की राजधानियों को कनेक्ट करने के लिए इकोकनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इससे दोनों राज्यों के बीच की दूरी को तय करने में लगने वाला समय कम हो जाएगा. आइए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे का फायदा किन जिलों को मिलेगा.

लखनऊ-भोपाल इकोनॉमिक कॉरिडोर

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लखनऊ-भोपाल इकोनॉमिक कॉरिडोर

लखनऊ और भोपाल को जोड़ने के लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है. इसमें तीन एक्सप्रेसवे को शामिल किया जाएगा. जिससे दोनों शहरों का सफर 8 घंटे कम होगा.

 

ये एक्सप्रेसवे होंगे कनेक्ट

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ये एक्सप्रेसवे होंगे कनेक्ट

लखनऊ-भोपाल इकोनॉमिक कॉरिडोर में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे, कानपुर महोबा एक्सप्रेसवे, महोबा भोपाल एक्सप्रेस वे को शामिल किया जाएगा. इससे कनेक्टिविटी बेहतर होगी.

 

विकास को मिलेगी रफ्तार

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विकास को मिलेगी रफ्तार

इकोनॉमिक कॉरिडोर के बनने से इसके आसपास के क्षेत्रों में विकास को पंख लगेंगे. यहां उद्योगों को बढ़ावा मिलने के साथ ही बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन भी किया जाएगा.

 

कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

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कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट पर NHAI काम कर रहा है. रिपोर्ट्स की मानें तो इसको अगले ढाई साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.  इस परियोजना को 2026 तक पूरा करने की योजना है.

 

अभी लगते हैं 15 घंटे

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अभी लगते हैं 15 घंटे

लखनऊ से भोपाल की दूरी तय करने में अभी करीब 15 घंटे का समय लगता है जो घटकर आधे के करीब रह जाएगा. यह दूरी 8 घंटों कम समय में पूरी हो सकेगी.

ऐसे होगा कनेक्ट

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ऐसे होगा कनेक्ट

यह यूपी के कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा से कनेक्ट होगा.  जो मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड होते हुए छतरपुर तक जाएगा. भोपाल-लखनऊ इकोनॉमिक कॉरिडोर यूपी और एमपी के बड़े शहरों को जोड़ने का काम करेगा. ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम करेगा.

तीन चरणों में निर्माण

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तीन चरणों में निर्माण

इसका निर्माण तीन चरणों में किया जाएगा. इस एक्सप्रेस को बनाने में कुल 11 हजार 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसकी लंबाई 600 किलोमीटर होगी. जो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को सीधे जोड़ने का काम करेगा.

 

ये हैं तीन हिस्से

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ये हैं तीन हिस्से

इसका पहला हिस्सा कानपुर से करबई तक 112 किलोमीटर का होगा. इसके बाद करबई से सागर तक यह 223 किलोमीटर का बनेगा. तीसरे हिस्से में इसे सागर से भोपाल तक 150 किलोमीटर का हाईवे बनाया जाएगा.

 

पर्यटकों को फायदा

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पर्यटकों को फायदा

इसका फायदा उत्तर प्रदेश के पर्यटकों को भी मिलेगा. मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के खजुराहो, ओरछा जैसे धार्मिक पर्यटन केंद्र के अलावा पन्ना और नौरादेही टाइगर रिजर्व की राह आसान होगी.

 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. जी यूपीयूके इसकी पुष्टि नहीं करता.