Jhunjhunu News: बामनवास विधायक इंदिरा मीणा ने बौंली खादी ग्रामोदय समिति में करोड़ों की अनियमितताओं का खुलासा किया. अवैध भूमि बिक्री, फर्जी आय-व्यय और घोटाले के आरोप लगाए. जांच की मांग करते हुए कहा कि कार्रवाई नहीं हुई तो धरना प्रदर्शन होगा. जिला प्रशासन पर निष्पक्ष जांच का दबाव बढ़ा.
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Rajasthan News: बामनवास विधायक इंदिरा मीणा ने आज बौंली की खादी ग्रामोदय सहकारी समिति परिसर का निरीक्षण किया. जिसमें भारी अनियमितताएं देखने को मिली. प्रकरण को लेकर विधायक इंदिरा मीणा ने विधानसभा में प्रश्न भी उठाया था.
विधायक इंदिरा मीणा ने आरोप लगाया कि मुख्य निवाई रोड पर लगभग 5 बीघा क्षेत्र में करोड़ों रुपए की बेशकीमती भूमि खादी ग्रामोदय सहकारी समिति को अलोट की गई है. लेकिन संस्थान के पदाधिकारियो द्वारा मिलीभगत कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है. सत्र 2013-14 से सत्र 2022-23 तक संस्थान की औसत वार्षिक आय लगभग 5 लाख रुपए दिखाई गई है. वहीं औसत वार्षिक खर्च भी लगभग ₹5 लाख ही दिखाया गया है. जबकि संस्थान द्वारा सहकारी समिति परिसर में से लगभग 6000 फीट भूमि रास्ते के लिए कॉलोनाइजर को दी गई. जिसकी धरातलीय कीमत वर्तमान में लगभग 80 लाख रुपए है. लेकिन संस्थान द्वारा नियम विरुद्ध इसका बेचान किया गया और महज 10 लाख रुपए की राशि प्राप्त करना बताया गया. जिसको भी चार दिवारी व अन्य कार्यों की मरम्मत में निवेशित करना बताया गया.
परिसर में से खसरा नंबर 1861 की भूमि बुनकर के लिए आवंटित की गई है. लेकिन नियम विरुद्ध उक्त भूमि पर 11 दुकाने बनाकर उन्हें वाणिज्यिक उपयोग हेतु किराए पर दिया गया है. परिसर में एक हिस्से को निजी विद्यालय संचालित करने हेतु किराए पर दिया गया है. वहीं अंदर का मैदान गोदाम के उपयोग हेतु किराए पर दिया गया है.कुछ भूमि पर कृषि कार्य भी किया जा रहा है. विधायक इंदिरा मीणा ने बताया कि आवंटित भूमि को बेचने का अधिकार संस्थान के पास नहीं है. इसके बावजूद संस्थान के पदाधिकारियो ने उक्त भूमि को मोटे दामों पर बेच दी और कुछ हिस्सा आय के रूप में दर्शाया. साथ ही बुनकर प्रशिक्षण के लिए बने भवनों में सैकड़ो युवाओं को रोजगार मिल सकता था लेकिन उक्त भूमि पर दुकानें बनाकर किराए पर दिया गया. वर्तमान में संस्थान के मुताबिक किराए की वार्षिक आय रिकॉर्ड 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष है. वहीं पूर्ववर्ती खादी ग्राम उद्योग की आय औसतन 5 लाख रुपए प्रति वर्ष थी. उसके बावजूद किराए की आय में 5 लाख रुपए प्रति वर्ष की वृद्धि होने पर भी बैलेंस शीट में आय और व्यय की राशि समान दिखाई गई है. ऐसे में संस्थान द्वारा भारी अनियमिताएं की जा रही है.
साथ ही आठ दुकानों को प्रति दुकान 10 लाख 50 हजार रूपये पगड़ी वह एक हजार मासिक किराए के रूप में दिया गया है. वही लाखों रुपए का निर्माण कार्य संस्थान के पदाधिकारियो द्वारा किया गया है.जिसमें भी भारी घोटाला माना जा रहा है. विधायक इंदिरा मीणा ने जिला कलेक्टर व एसडीएम को शिकायत देकर मामले की निष्पक्ष जांच किए जाने की मांग की.साथ ही विधायक ने कहा कि मामले में उपयुक्त कार्रवाई न होने पर धरना प्रदर्शन भी किया जाएगा.
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Reported By- आशीष मित्तल