Ashok Chandana and Sachin Pilot: राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना अब खुलकर सचिन पायलट के खिलाफ बोल रहे है. अजमेर के पुष्कर में हुए घटनाक्रम के बाद दोनों के बीच तलवारें खिंच गई है.
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Ashok Chandana and Sachin Pilot: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना और सचिन पायलट खुलकर आमने सामने हो गए है. पुष्कर में स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में अशोक चांदना पर लोगों ने जूते फेंके. भाषण के बीच अवरोध पैदा किया और सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए तो गुस्साए अशोक चांदना अब खुलकर सचिन पायलट के खिलाफ बोल रहे है.
अशोक चांदना ने इसके बाद दो ट्वीट किया. पहले ट्वीट में सचिन पायलट का नाम लिए बिना निशाना साधा. तो दूसरे ट्वीट में खुलकर सचिन पायलट के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया. खेल मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझ पर जूता फेंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है. जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ.
अशोक चांदना कि सचिन पायलट के खिलाफ पहली बार ऐसी खुलकर तल्खी देखने को मिली है. पुष्कर में 52 घाटों पर अस्थि विसर्जन कार्यक्रम से पहले यहां कार्यक्रम में जब अशोक चांदना भाषण देने लगे. तो वहां खड़े लोगों ने चांदना पर जूते फैंके. भाषण के बीच सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए. जिसके बाद अशोक चांदना ने ट्वीट कर इस तरह की घटना को गुर्जर समाज के एकता तोड़ने वाली घटना बताया था.
अशोक चांदना ने अपने पहले ट्वीट में कहा था कि- आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला 72 शहीदों के मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेन्द्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालियां बजी और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए.जिस मंच पर जूते फेंके गए उस पर शहीदों के परिवारजन बैठे थे. कम से कम उनका तो ख्याल कर लेते. कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे यह तो वक्त बताएगा.
पहली ट्वीट में अशोक चांदना ने सीधे तौर पर सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला था. लेकिन रात होते होते चांदना ने सीधे तौर पर सचिन पायलट पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया.
सचिन पायलट और अशोक चांदना दोनों गुर्जर समाज से है. सचिन पायलट समर्थकों के मुताबिक पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए अशोक चांदना को राजस्थान की राजनीति में आगे बढ़ने में पूरी मदद की. पायलट समर्थकों के मुताबिक 2018 में सचिन पायलट ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार थे. लेकिन साल 2020 में राजस्थान में आए राजनीतिक संकट में जिस समय सचिन पायलट 19 विधायकों के साथ मानेसर में बैठे थे. उस समय अशोक चांदना ने अशोक गहलोत का साथ दिया था.
अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच भले ही सुलह हो गई. पायलट गुट से भी कई लोग मंत्री बन गए है. लेकिन उस घटनाक्रम के बाद गुर्जर समाज के मंचों से कई बार अशोक चांदना का विरोध हुआ. पहली बार किसी गांव में खाट पर बैठे अशोक चांदना को घेरकर वहां के युवाओं ने खरी खोटी सुनाई थी. उसके बाद भी ऐसे कई मौके आए थे. उधर अशोक गहलोत लगातार अशोक चांदना को गुर्जर समाज के नेता के तौर पर आगे बढ़ा रहे है. ऐसे में ये देखना होगा कि ये राजनीतिक लड़ाई कहां तक जाती है. और गुर्जर समाज इस लड़ाई में सचिन पायलट और अशोक चांदना में से किसके साथ खड़ा रहता है. लोगों की नजर इस मामले में सचिन पायलट की प्रतिक्रिया पर भी है. हालांकि हाल ही में मंत्री ममता भूपेश की जब हूटिंग हुई. तो उसके अगले दिन ही सचिन पायलट ने अपने समर्थकों को सभी का सम्मान करने की नसीहत दी थी.
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