Rajasthan Budget Session 2025 : राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान गैर मुमकिन औरण जमीन के आवंटन पर सदन में हंगामा हुआ. सरकार की तरफ से राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने अपने जवाब में खातेदारों का ब्योरा देते हुए मारवाड़ जंक्शन के पूर्व विधायक सुखवीर सिंह जोझावर, उनकी पत्नी और पुत्र के नाम जमीन आवंटन होने की बात कही. राजस्व मंत्री ने इस मामले की जांच और दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी सदन को दिया.
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Rajasthan Budget Session 2025 : राजस्थान विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान गैर मुमकिन औरण जमीन के आवंटन पर सदन में हंगामा हुआ. सरकार की तरफ से राजस्व मंत्री हेमंत मीणा ने अपने जवाब में खातेदारों का ब्योरा देते हुए मारवाड़ जंक्शन के पूर्व विधायक सुखवीर सिंह जोझावर, उनकी पत्नी और पुत्र के नाम जमीन आवंटन होने की बात कही. राजस्व मंत्री ने इस मामले की जांच और दोषी के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी सदन को दिया.
राजस्थान विधानसभा में बुधवार को गैर मुमकिन औरण की जमीन आवंटन को लेकर हंगामा हो गया. बीजेपी विधायक केसाराम चौधरी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि तहसील मारवाड़ जंक्शन के जोजावर में 240 बीघा जमीन अवैध तरीके से खुर्दबुर्द की गई है.
केसाराम बोले कि, जिस व्यक्ति के पास पहले से ही 1088 बीघा जमीन है, उसे घोड़े चराने के नाम पर किस तरह से यह औरण की जमीन दे दी गई? उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या सरकार बिना नियम, बिना आवंटन सिर्फ पटवारी के नोट पर खूर्दबुर्द की गई इस जमीन को वापस लेगी?
इस पर मंत्री हेमंत मीणा ने अपने जवाब में पटवारी का नोट पढ़ते हुए कहा कि यह भूमि पूर्व में राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन औरण में दर्ज थी. इसके बाद 2021 में यह जमीन केसरी सिंह के रिकॉर्ड में घोड़े चराने के लिए दर्ज कर दी गई. मंत्री ने कहा कि पटवारी के रिकॉर्ड में कहीं पर भी आवंटन नियम का जिक्र नहीं किया गया.
मंत्री हेमंत मीणा जब अपना जवाब दे रहे थे तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा- यह सारे जवाब में लिखित में आ चुके हैं फिर इन्हें पढ़ना जरूरी है क्या? इस पर मंत्री बोले कि 240 बीघा गैर मुमकिन औरण भूमि किसी के नाम पर दर्ज हो गई, यह कोई मामूली बात नहीं है. पढ़ना पड़ेगा.
इसी बीच विधायक केसाराम चौधरी ने एक खातेदार के दो अलग-अलग मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति सदन को दिखाई. इनमें से एक डेथ सर्टिफिकेट कर्नाटक के बैंगलोर का साल 1994 का जबकि दूसरा जोजावर से दिसंबर 1995 का था. इस पर बीजेपी विधायकों ने हंगामा कर दिया. बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस वाले ओरण की जमीन खा गए. इसके बाद राजस्व मंत्री ने कहा कि मामले की जांच कलेक्टर से करवा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल कहा कि ओरण की भूमि बिना किसी आदेश के दिया जाना बहुत ही गंभीर विषय है. उन्होंने कहा कि अभी हमारे मंत्री ने कहा है, यदि कांग्रेस विधायक चाहें तो अभी हम सदन में नाम भी बता देंगे. इनमें यहां के सदस्य रहे पूर्व विधायक, कांग्रेस के प्रत्याशी और कांग्रेस के नेता के नाम यह जमीन दर्ज हुई है. इस पर सदन में ज़ोरदार हंगामा हो गया.
मंत्री जोगाराम ने कहा कि हमारी सरकार इसकी पूरी जांच कराएगी. इसके बाद मंत्री ने खादेदारों के नाम सदन में पढ़े- इनमें पहले नंबर पर अमृतलाल पुत्र चंबाालाल माली, दूसरे खातेदार के रूप में बृजराज सिंह पुत्र खुशवीर सिंह जोझावर, तीसरे नंबर पर खुशवीर सिंह जोझावर पुत्र जालसिंह और उनके बाद इंदू कुमारी पत्नी सुखवीर सिंह जोझावर का नाम लिया.
दरअसल खुशवीर सिंह जोझावर पिछली विधानसभा में निर्दलीय विधायक थे, लेकिन उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को समर्थन देने के लिए कांग्रेस की एसोसिएट मेंबरशिप ले ली थी. जोजावर ने कार्यकाल के पूरे 5 साल तत्कालीन कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया था. साल 2018 के चुनाव में जोजावर केसाराम चौधरी को हराकर सदन में निर्दलीय विधायक के रूप में पहुंचे और साल 2023 में केसाराम चौधरी ने जोजावर को हराया था. दोनों के बीच पुरानी टशन मानी जाती है.
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