NAI महानिदेशक का चौंकाने वाला खुलासा- ‘1962, 1965 और 1971 के युद्धों का कोई रिकॉर्ड नहीं’
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NAI महानिदेशक का चौंकाने वाला खुलासा- ‘1962, 1965 और 1971 के युद्धों का कोई रिकॉर्ड नहीं’

National Archives: NAI DG चंदन सिन्हा  ने कहा, ‘कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें आपके साथ साझा करते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है कि हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है.'

NAI महानिदेशक का चौंकाने वाला खुलासा- ‘1962, 1965 और 1971 के युद्धों का कोई रिकॉर्ड नहीं’

Indian History After Independence: राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के पास 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और हरित क्रांति के रिकॉर्ड नहीं हैं, क्योंकि कई केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने अपने रिकॉर्ड उसके साथ साझा नहीं किए हैं. एनएआई के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने यह जानकारी दी.

एनएआई न केवल भारत सरकार और उसके संगठनों के रिकॉर्ड रखता है और उनका संरक्षण करता है. इसे वर्गीकृत दस्तावेज प्राप्त नहीं होते हैं. सरकार में रिकॉर्ड प्रबंधन को ‘सुशासन का एक आवश्यक पहलू’’ बताते हुए सिन्हा ने कहा कि कई मंत्रालय हैं, जिन्होंने आजादी के बाद से एनएआई के साथ अपने रिकॉर्ड साझा नहीं किए हैं.

एनएआई के पास इतने एजेंसियों के रिकॉर्ड
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा आयोजित सुशासन कार्यशाला में उन्होंने कहा कि 151 मंत्रालय और विभाग हैं, तथा एनएआई के पास 36 मंत्रालयों और विभागों समेत केवल 64 एजेंसियों का रिकॉर्ड है.

'हरित क्रांति का कोई रिकॉर्ड नहीं है'
सिन्हा ने कहा, ‘‘इसका क्या मतलब है...इसका मतलब है कि भारत के राष्ट्रीय अभिलेखागार में हरित क्रांति का कोई रिकॉर्ड नहीं है, जिसकी हम हमेशा जय-जयकार करते हैं. 1962, 1965 और 1971 के युद्ध का भी रिकॉर्ड नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘‘कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें आपके साथ साझा करते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है कि हमारे पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. वास्तव में, जिस प्रश्न का हमें सामना करना है वह यह कि क्या हम आजादी के बाद से अपने इतिहास के एक बड़े हिस्से को खो रहे हैं.’

सिन्हा ने यह भी बताया कि रक्षा मंत्रालय ने आजादी के बाद इस साल की शुरुआत तक 476 फाइल भेजी थीं. उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 तक की 20,000 फाइल को इस वर्ष स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड के लिए फाइलों की रिकॉर्डिंग और छंटाई के लिए एक विशेष अभियान की प्रतीक्षा करने के बजाय, यह हर तिमाही में किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभिलेखों का मूल्यांकन और एनएआई को स्थानांतरण के लिए उनकी समीक्षा करना तथा उनकी पहचान करना शासन का एक बहुत महत्वपूर्ण पहलू है.

(इनपुट - भाषा)

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