Trending Photos
Bihar News: पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए उनके ही संसदीय क्षेत्र से जेडीयू ने उनके खिलाफ सियासी घेराबंदी की तैयारी की थी. नीतीश कुमार मिशन 2024 के लिए विपक्ष को एकजुट करने की कामयाब कोशिश कर चुके हैं और अब वह यूपी में अपनी पार्टी की जमीन तलाश कर रहे हैं. ऐसे में वाराणसी के रोहनिया में नीतीश कुमार की पार्टी की तरफ से रैली की तैयारी की गई थी, लेकिन अब पार्टी के द्वारा इस रैली को स्थगित कर दिया गया है.
ये भी पढ़ें- Bullet Train: बिहार को भी बुलेट ट्रेन की सौगात! 4 स्टेशनों का होगा निर्माण
बता दें कि जेडीयू के नेता श्रवण कुमार की मानें तो वाराणसी में जगह नहीं मिलने के कारण इस रैली को स्थगित किया गया है. जबकि राजनीति के जानकार मानते हैं कि यह एक तरह से 22 जनवरी को राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी के अयोध्या में कार्यक्रम में शामिल होने का साइड इफेक्ट है.
वैसे जदयू के इस रैली के ऐलान के साथ ही बिहार का सियासी मिजाज गर्म हो गया था. भाजपा लगातार नीतीश कुमार पर इसको लेकर हमला बोल रही थी. वहीं गोरखपुर से भाजपा के सांसद रवि किशन ने तो इस रैली को लेकर चैलेंज कर दिया कि आव फरिया ल नीतीश बाबू, ई महादेव की नगरी में...जो होई देखल जाई. रवि किशन ने कहा कि नीतीश कुमार को जहां जाना है जाए. पर पहले पीएम मोदी से बनारस में फरिया लें.
दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी के नेता नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ लोगों का समर्थन प्राप्त करने के लिए देश के कई हिस्सों में रैली की योजना बना रहे हैं और उनकी तरफ से सबसे पहला टारगेट पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी था. जहां वह 24 दिसंबर को रैली करने जा रहे थे जिस रैली को जगह नहीं मिलने के कारण स्थगित कर दिया गया है. वहीं राजनीति के जानकार मानते हैं कि 22 जनवरी को अयोध्या में जो भव्य आयोजन राम मंदिर को लेकर होना है. उसके पहले जो हवा चली है. उसमें नीतीश कुमार का पहला ही सियासी शो कहीं वाराणसी में फ्लॉप ना पड़ जाए इसको ध्यान रखते हुए इसे कैसंसिल किया गया है.
नीतीश कुमार यहां रैली करने के बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड और गुजरात जैसे राज्यों के दौरे पर भाजपा के खिलाफ लोगों को गोलबंद करने के लिए निकलने वाले थे. ऐसे में अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि नीतीश इस रैली के कैंसिल होने के बाद अन्य राज्यों का दौरा करेंगे या वह भी रद्द कर दिया गया है. वैसे नीतीश की इस रैली के पीछे की एक कांग्रेस का 5 राज्यों में हाल के चुनाव में प्रद्रशन के बाद बैकफुट पर आना भी बताया जा रहा है. इसी का लाभ जेडीयू उठाना चाह रही है और पार्टी की तरफ से इंडिया गठबंधन से अलग यह कार्यक्रम है.