Bihar Politics: बिहार चुनाव में रोजगार बनेगा बड़ा मुद्दा! देखें CM नीतीश ने 2020 का वादा कितना पूरा कर लिया?
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Bihar Politics: बिहार चुनाव में रोजगार बनेगा बड़ा मुद्दा! देखें CM नीतीश ने 2020 का वादा कितना पूरा कर लिया?

Bihar Politics: 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियों का वादा करके राजनीति में हलचल मचा दी थी. तेजस्वी को काउंटर करने के लिए एनडीए की कुमार की ओर 19 लाख युवाओं को रोजगार देने का प्रॉमिस किया गया था. आइए देखते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने वादे पर कितना खरे उतरे.

नियुक्ति पत्र वितरित करके CM

Bihar Politics: बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी माहौल गरमाने के साथ ही रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा बन चुका है. पिछली बार यानी 2020 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियों का वादा करके राजनीति में हलचल मचा दी थी. तेजस्वी को काउंटर करने के लिए एनडीए की कुमार की ओर 19 लाख युवाओं को रोजगार देने का प्रॉमिस किया गया था. अब चुनाव नजदीक आ रहा है. चुनावी साल में तेजस्वी ने फिर से एक बार इस मुद्दे को उठा दिया है. वे अपने कार्यकाल में खूब नौकरियां देने की बात कह रहे हैं और पूरा क्रेडिट भी खुद ही लूट रहे हैं. वहीं एनडीए के नेता इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मेहनत बता रहे हैं. आइए जानते हैं कि इस मुद्दे पर एनडीए सरकार अपना वादा कितना निभा सकी.

चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूरा फोकस युवाओं पर है. सरकारी विभागों में ताबड़तोड़ नौकरियां निकल रही हैं और नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार (04 फरवरी) को अलग-अलग विभागों में नवनियुक्त 6,341 जूनियर इंजीनियर और 496 और अनुदेशकों (Instructors) सहित कुल 6,837 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस दौरान बिहार सरकार की ओर से दावा किया गया कि नीतीश सरकार के 12 लाख सरकारी नौकरी देने घोषणा के तहत अब तक 9 लाख 13 हजार लोगों को नौकरी मिल चुकी है. इस मौके पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2005 से लेकर 2020 तक नीतीश कुमार के नेतृत्व में 7.3 लाख लोगों को नौकरी दी गई. इस बार अभी तक 9.3 लाख से अधिक लोगों को नौकरी दी गई है.

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बिहार राज्य में हर साल हजारों बेरोजगार नौकरी के लिए श्रम संसाधन विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं की संख्या बढ़ रही है. नेशनल करियर सर्विस (NCS) पोर्टल के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल अगस्त तक एक लाख 28 हजार से अधिक कंपनियों ने निबंधन कराया है. ये कंपनियां बिहार के लोगों को रोजगार देना चाहती हैं. पोर्टल पर मिली जानकारी के अनुसार, बिहार में वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 9.7 फीसदी, 2021-2022 में 6.9 फीसदी, 2022-2023 में 23.10 फीसदी बेरोजगारों को रोजगार मिला है. वहीं 2023-2024 में अब तक 26 हजार 843 बेरोजगारों को रोजगार मिला है.

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इसके अलावा प्रदेश से बेरोजगारी खत्म करने के लिए बिहार सरकार ने इसके लिए एक नयी योजना लागू की है. इस योजना के तहत युवाओं को रोजगार के नए अवसर दिए जाएंगे. 'बिहार लघु उद्यमी योजना' के तहत बिहार सरकार युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए 2-2 लाख रुपये की सहायता देगी. इससे युवाओं को स्वरोजगार का मौका मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे. सरकार ने इस योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में 250 करोड़ रुपये और 2024-25 में 1000 करोड़ रुपये का बजट तय किया है. एससी, एसटी, अति पिछड़ा वर्ग, महिलाएं, युवा और अल्पसंख्यक इस योजना के पात्र होंगे. जो लोग पहले से मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ ले चुके हैं, वे इस योजना में आवेदन नहीं कर सकते.

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