France President Insulting Rule: राष्ट्रपति किसी भी देश में एक ऐसा सर्वोच्च पद होता है, जिसका हर कोई सम्मान करता है. भारत जैसे देशों में राष्ट्रपति सबसे बड़े पद का अधिकारी होता है. वहीं कुछ देशों में प्रधानमंत्री बड़ा होता है. लेकिन यहां सवाल ये कि क्या कोई राष्ट्रपति का अपमान कर सकता है? जी हां एक देश ऐसा है, जहां राष्ट्रपति का अपमान कर भी देंगे या कोई अमर्यादित टिप्पणी कर भी देंगे तो आपको कोई सजा या चेतावनी नहीं मिलेगी.
ऐसा सब 'अभिव्यक्ति की आजादी' को महत्व देने के लिए होता है. हम बात कर रहे हैं फ्रांस की, जहां ऐसा रूल है कि अगर कोई राष्ट्रपति पद पर बैठे किसी व्यक्ति को कुछ अनर्गल कह दे तो उसे कोई सजा नहीं दी जाएगी.
बात 2013 की
बात 2013 की. जब से फ्रांस के राष्ट्रपति के प्रति असभ्य व्यवहार करना कोई अपराध नहीं रह गया. संसद ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्ष में 1881 के कानून में संशोधन करने पर सहमति व्यक्त की थी. पहले जहां किसी भी असभ्य टिप्पणी के लिए 'राष्ट्र प्रमुख को अपमानित करने' के लिए स्वतः जुर्माना लगाया जाता था, लेकिन बाद में राष्ट्रपति को मंत्रियों और सांसदों के समान श्रेणी में रख दिया गया.
सांसदों और सीनेटरों ने यूरोपीय मानकों को पूरा करने के लिए इस कानून को खत्म करने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया था. फ्रांस की सोशलिस्ट पार्टी ने उस समय इस बदलाव का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने पहले लागू कानून को 'आधुनिक लोकतंत्र में अनुचित' बताया था.
यह परिवर्तन यूरोपीय मानवाधिकार न्यायालय (ECHR) द्वारा 2013 मार्च में दिए गए फैसले के बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि फ्रांस ने एक प्रदर्शनकारी के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया है. प्रदर्शनकारी ने कहा था 'दफा हो जाओ, बेवकूफ.' उसपर तब जुर्माना लगाया गया था और ECHR ने इसे अनुचित करार दिया था.
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