भारत के इन मंदिरों में भक्तों के लिए लागू है ड्रेस कोड, जाने से पहले जान लीजिए सारे नियम

भारत में स्थित मंदिर और मस्जिदों को लेकर कई तरह के नियम बनाए गए हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि देश में स्थित कुछ ऐसे में भी मंदिर हैं जहां भक्तों को ड्रेस कोड का खासतौर पर ध्यान रखना होता है. चलिए आज हम ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जानते हैं.

किसी भी धार्मिक स्थल पर लोगों को बहुत नियमों का पालन करते हुए देखा जाता है. यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति किसी धार्मिक जगह पर जाता है वह अपने पहनावे का भी खास ध्यान रखता है. हालांकि, इसके बावजूद कुछ लोग ऐसे भी हैं जो किसी भी लिबास में मंदिर-मस्जिद जाने में नहीं हिचकिचाते हैं, कम ही लोगों को इस बात की जानकारी होगी कि भारत में कई मंदिर हैं जहां भक्तों के लिए भी ड्रेस कोड बनाए गए हैं. चलिए ऐसे ही कुछ मंदिरों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.

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गुरुवायुर कृष्ण मंदिर वो भारत का वो पहला मंदिर है जहां भक्तों के लिए ड्रेस कोड तय किया गया था. केरल में स्थित इस मंदिर में पुरुषों के लिए लूंगी ड्रेस कोड रखा गया है, और लूंगी भी ऐसी जो सीने तक चढ़ाकर बांधी गई हो. वहीं, महिलाएं साड़ी या सूट पहनकर ही भगवान के दर्शन कर सकती हैं.

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मुंबई में स्थित सिद्धिविनियाक मंदिर में हाल ही में ड्रेस कोड लागू किया गया है. यहां देश-विदेशों से बड़ी-बड़ी हस्तियां गणपति बप्पा के आगे सिर झुकाने आती हैं. वहीं, मंदिर प्रशासन ने अब भक्तों के लिए भारतीय परिधान पहनने का कानून बना दिया है.

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दिसंबर, 2024 में वृंदावन के बाके बिहारी मंदिर में भी भक्तों के लिए ड्रेस कोड बनाया गया था. यहां श्रद्धालुओं को हाफ पैंट, चमड़े की बेल्ट और छोटे कपड़े पहनना सख्त मना है. यहां आने वाले भक्तों को भारतीय परिधान पहनने पर ही एंट्री मिल सकती है.

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ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं के लिए ड्रेस कोड बनाया गया है. बताया जाता है कि इस मंदिर में स्कर्ट, हाफ पैंट, जीन्स और शॉर्ट्स पहने हुए लोगों को एंट्री नहीं दी जाती. यहां भी दर्शन करने के लिए भक्तों को भारतीय पारंपरिक परिधान ही पहनने होते हैं. जगन्नाथ मंदिर में यह नियम जनवरी, 2024 से लागू है.

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मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल के मंदिर में भी पुरुषों के लिए धोती और सोला का ड्रेस कोड रखा गया है, जबकि महिलाएं साड़ी पहनकर महाकाल के दर्शन कर सकती हैं. यह मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. यहां सितंबर, 2023 से ड्रेस कोड लागू किया गया है.