अरबों रुपये की डील हो गई, तब भी US क्यों नहीं कर रहा भारत को अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी?

US-India Helicopters Deal: भारतीय सेना को जून 2024 तक अमेरिका से छह अपाचे AH-64E हमलावर हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी की उम्मीद थी. हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान के कारण समयसीमा को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 4, 2025, 03:06 PM IST
  • छह अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच दिसंबर 2024 तक आने वाला था
  • पश्चिमी मोर्चे पर अभियान के लिए अपाचे हेलीकॉप्टर महत्वपूर्ण
अरबों रुपये की डील हो गई, तब भी US क्यों नहीं कर रहा भारत को अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर की डिलीवरी?

Apache attack helicopters: भारतीय सेना की अपाचे स्क्वाड्रन पिछले 11 महीनों से अमेरिका से अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टरों ( Apache helicopters) के पहले बैच का इंतजार कर रही है. लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी एक बार फिर दूसरी समय सीमा से चूक गई है. 2020 में अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित 600 मिलियन अमरीकी डॉलर के सौदे के तहत, सेना को जून 2024 तक छह अपाचे हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी की उम्मीद थी. हालांकि, आपूर्ति श्रृंखला व्यवधान के कारण समयसीमा को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया था.

सेना की एविएशन कोर के लिए इंतजार अभी भी खत्म नहीं हुआ है, क्योंकि अपाचे हेलीकॉप्टर अभी भी भारत को सौंपे नहीं गए हैं. मूल रूप से, तीन-तीन के बैच में छह हेलीकॉप्टर आने की योजना थी. पहला बैच मई और जून 2024 के बीच आने की उम्मीद थी. हालांकि, हेलीकॉप्टर अभी तक भारत नहीं पहुंचे हैं, जिससे सेना का पहला अपाचे स्क्वाड्रन अभी भी प्रतीक्षा में है.

2020 में क्या डील हुई थी?
2020 में अमेरिका के साथ हुए 600 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे के तहत भारतीय सेना को छह अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने वाले हैं. हालांकि, पहले बैच में पहले ही नौ महीने से अधिक की देरी हो चुकी है.

रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने संकेत दिया है कि यह देरी अमेरिका द्वारा सामना किए जा रहे तकनीकी मुद्दों के कारण है. इसके अलावा, हेलीकॉप्टरों के पहले बैच की डिलीवरी की समयसीमा पर कोई स्पष्टता नहीं है.

बता दें कि सेना की एविएशन कोर ने मार्च 2024 में जोधपुर के नागतलाओ में अपना पहला अपाचे स्क्वाड्रन बनाया है. पायलट और ग्राउंड स्टाफ प्रशिक्षित हो गए और उड़ान संचालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन वे अनिश्चितता में हैं क्योंकि सेना को खुद अमेरिकी हमलावर हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी की समयसीमा के बारे में पता नहीं है.

अपाचे हेलीकॉप्टर क्यों जरूरी, क्या है खासियत?
अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर पश्चिमी मोर्चे पर सेना के महत्वपूर्ण अभियानों का समर्थन करने के लिए बनाए गए हैं. ये उन्नत हेलिकॉप्टर लंबे समय तक अच्छी सर्विस, मारक क्षमता और एडवांस रूप से लक्ष्य पर हमला करने की विशेषताओं से लैस हैं. आश्चर्य की बात नहीं है कि सेना को अपने शस्त्रागार के एक प्रमुख घटक के रूप में इन अटैक हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता है.

भारतीय वायु सेना ने 2015 में हस्ताक्षरित एक अलग आदेश के तहत पहले ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को शामिल कर लिया है, जबकि सेना अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इन उन्नत अटैक हेलीकॉप्टरों का इंतजार कर रही है.

सेना की एविएशन कोर परिचालन क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो विभिन्न मिशनों के लिए आवश्यक हवाई सहायता प्रदान करती है. सेना की एविएशन कोर में अभी कौन से हेलीकॉप्टर हैं?

हेलीकॉप्टर
भारतीय सेना जंग से लेकर अन्य सभी कार्यों के लिए उनकी विशेषताओं के हिसाब से एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (ALH) ध्रुव, रुद्र, चीता और चेतक, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH), फिक्स्ड-विंग विमान - डोर्नियर 228 यूज करती है.

मानव रहित हवाई वाहन (UAVs)
Heron: मध्यम ऊंचाई, लंबी अवधि तक चलने वाले यूएवी जिनका उपयोग निगरानी और टोही के लिए किया जाता है.

सर्चर: कम दूरी की निगरानी और टोही मिशन के लिए UAV

परिवहन हेलीकॉप्टर
Mi-17: मध्यम-लिफ्ट हेलीकॉप्टर जिनका उपयोग सैन्य परिवहन और निकासी मिशन के लिए किया जाता है.

ये संपत्तियां सेना के विमानन कोर को युद्ध के मैदान में सहायता और टोही से लेकर मदद और हताहतों को निकालने तक कई तरह के ऑपरेशनों में काम आती है, जिससे विभिन्न इलाकों और स्थितियों में बल की समग्र प्रभावशीलता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है.

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