Farrukhabad: पुलिस ने 410 लोगों पर लिया एक्शन, जिसमें मुर्दे भी शामिल
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Farrukhabad: पुलिस ने 410 लोगों पर लिया एक्शन, जिसमें मुर्दे भी शामिल

'कानून के हाथ बहुत बड़े होते हैं' इतने बड़े की अगर वो चाहे तो मरे हुए लोगों को भी न छोड़े. 'अगर पुलिस चाहे तो कोई मंदिर के सामने से एक चप्पल भी नहीं चुरा सकता' आपने ऐसी बातें खूब सुनी होंगी अब पुलिस का ऐसा ही एक कारनामा भी देख लीजिए. आइए बताते हैं क्या है ये पूरा मामला....

Farrukhabad: पुलिस ने 410 लोगों पर लिया एक्शन, जिसमें मुर्दे भी शामिल

अरुण सिंह/फर्रुखाबाद: आपको अभिनेता पंकज त्रिपाठी का फिल्म 'कागज' तो याद ही होगी. जिसमें एक जिंदा इंसान को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया था. लेकिन इसके उलट फर्रुखाबाद से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां पुलिस ने 15 साल से बाहर रह रहे युवक पर धारा 107/116 कार्रवाई कर दी. इतना ही नहीं पुलिस ने मरे हुए लोगों को भी नहीं बक्शा. पूरा मामला भटपुरा गांव का है. 

पहले जान लीजिए क्या है धारा 107/116

आपको बता दें सीआरपीसी की धारा 107/116 कानून व्यवस्था को बनाए रखने की अहम धारा है. इसका प्रयोग संभावित विवाद को रोकने के लिए किया जाता है. खासतौर पर चुनाव के दौरान इसका सर्वाधिक प्रयोग होता है. इस धारा के अंतर्गत अगर किसी व्यक्ति ऐसी आशंका है कि वह झगड़ा कर सकता है या झगड़े करने वाला है तो ऐसे व्यक्ति को धारा 107/116 के अंतर्गत कार्यपालक मजिस्ट्रेट द्वारा पाबंद करवाया जा सकता है.

क्या है मामला

फर्रुखाबाद में आगामी नगर निकाय के चुनाव होने हैं. चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस कार्रवाई में जुटी है. आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों व शांति व्यवस्था भंग करने की आशंका पर पुलिस कार्रवाई कर रही है. पुलिस ने अब तक नौ गांव के 410 लोगों को धारा 107/116 में पाबंद किया है. इसमें गौसपुर के 14, नगला दाऊद ग्राम पंचायत के 19, महरुपुर राबी के 38, राजेपुर सरायमेदा के 20, शेखपुर के 10, निनौरा के 19, ककरैया के 20, हुसैनगंज के 10, भटपुरा के 90 व कस्बा के 170 लोग शामिल हैं. मिली जानकारी के मुताबिक आपको बती दें कि पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों पर भी कार्रवाई की है जिनकी मृत्यु हो चुकी है.

चर्चा का विषय

भटपुरा गांव निवासी धर्मेंद्र कुमार, दीपक व मोहित के विरुद्ध भी पुलिस ने 107/116 की कार्रवाई की है. यही चर्चा का विषय बना हुआ है. ग्रामीणों के मुताबिक धर्मेंद्र की अगस्त 2021 में मौत हो चुकी है. दीपक 15 वर्षों से परिवार सहित दिल्ली में रह रहा है. मोहित स्वास्थ्य विभाग में संविदा कर्मचारी है और दूसरे जिले में तैनात है. इलाके के लोगों का कहना है कि नगर पालिका क्षेत्र में रहो या ना रहो फिर भी पुलिस कार्यवाही कर रही है. नामित लोग पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलकर मामले की शिकायत करने की बात कर रहे हैं. 

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