मिल्कीपुर में 5 फीसदी ज्यादा वोटिंग से कैसे पलटा पासा, सपा को सूरज चौधरी की बगावत पड़ी भारी?
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मिल्कीपुर में 5 फीसदी ज्यादा वोटिंग से कैसे पलटा पासा, सपा को सूरज चौधरी की बगावत पड़ी भारी?

Milkipur Byelection 2025: मिल्कीपुर के मतदाताओं ने बंपर वोटिंग से बीजेपी और सपा उम्मीदवार की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है. अब 8 फरवरी को सियासी दलों के साथ जनता को नतीजों का इंतजार है.

Milkipur Byelection 2025

Milkipur By Election 2025: मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए वोटों की बंपर बरसात देखने को मिली. वोटिंग को लेकर मतदाताओं का ऐसा उत्साह दिखा कि कीर्तिमान रच गया. यहां कुल 65.25 फीसदी मतदान हुआ जो 2022 विधानसभा चुनाव के मुकाबले 5 फीसदी ज्यादा है. बंपर वोटिंग का सियासी गुणा-गणित लगना शुरू हो गया है. जीत की हुंकार बीजेपी और सपा दोनों भर रहे हैं. आइए जानते हैं रिकॉर्ड वोटिंग किसकी नैया पार कर सकती है.

दिन चढ़ते ही बढ़ता गया वोटिंग का ग्राफ
मिल्कीपुर के मतदाताओं में वोटिंग के लिए सुबह से ही जोश हाई दिखा. दो घंटे के भीतर सुबह 9 बजे तक ही 13.34 फीसदी वोटिंग हो गई. इसके बाद सुबह 11 बजे यह आंकड़ा 29.86 फीसदी पहुंच गया. दोपहर 1 बजे तक 44.59 फीसदी वोटिंग हो चुकी थी. जबकि 3 बजे वोटिंग का रिकॉर्ड 57.13  प्रतिशत तक पहुंच गया. शाम 5 बजे तक कुल 65.25 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले.

जीत की हुंकार भर रहे दोनों दल
बीजेपी और सपा दोनों ही दल जीत की हुंकार भर रहे हैं. सपा उम्मीदवार अजीत प्रसाद का कहना है कि हार जीत का मार्जिन भले कम हो लेकिन जीत समाजवादी पार्टी की ही होगी. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान भी जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं. उन्होंने कहा, हार सामने देखकर सपा के नेता मुंह छिपाने का बहाना ढूंढ रहे हैं. गौरतलब है कि सपा ने वोटिंग के दौरान गड़बड़ी के आरोप लगाये थे. सियासी जानकारों की मानें तो मिल्कीपुर सीट पर मुकाबला कांटे का है लेकिन 5 फीसदी ज्यादा वोटिंग के रुझान बीजेपी के पक्ष में जा सकते हैं.  समाजवादी पार्टी से बगावत कर आजाद समाज पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरने वाले सूरज चौधरी भी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. 

क्या हैं पिछले चुनाव के आंकड़े

2022 में दौड़ी साइकिल
2022 विधानसभा चुनाव में यहां 60.2 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जब अवधेश प्रसाद को 13338 वोटों से जीत दर्ज करने में सफल रहे. सपा प्रत्याशी को 48.2 प्रतिशत जबकि बीजेपी उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ को 42.2 प्रतिशत वोट मिले. बसपा उम्मीदवार मीरा देवी को 6.7 फीसदी वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 1.5 मत मिले.

2017 में चला था बीजेपी का जादू
2017 में इस सीट पर भगवा लहराया था. बीजेपी उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ को 43.5 प्रतिशत वोट मिले जबकि सपा के अवधेश प्रसाद ने 29.4 फीसदी मत हासिल किए. बीजपी प्रत्याशी ने 28276 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव जीता था. इस चुनाव में बसपा उम्मीदवार राम गोपाल 23 प्रतिशत (करीब 46 हजार वोट) मिले थे. 2017 विधानसभा चुनाव में यहां 58.5 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.

2012 में अवधेश ने लहराया परचम, 2007 में दौड़ा हाथी
2012  में इस सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद जीते थे. जबकि बसपा दूसरे नंबर पर रही. बीजेपी के रामू प्रियदर्शी तीसरे स्थान पर आए थे. तब यहां 55.5 प्रतिशत वोट पड़े. वहीं, 2007 में यहां बसपा का हाथी दौड़ा था. बीएसपी के आनंद सेन  ने सपा के राम चंद्र यादव को शिकस्त दी. जबकि भाजपा उम्मीदवार मथुरा प्रसाद तीसेर पायदान पर रहे. तब यहां 49.9 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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