Lakhimpur Kheri Liloutinath Mandir: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में स्थित लिलौटी नाथ शिव धाम एकमुखी शिवलिंग और रहस्यमई पूजन के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर से जुड़ी कई मान्यताएं हैं. कहा जाता है सुबह मंदिर खोलने पर शिवलिंग पूजित मिलता है.
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Lakhimpur Kheri Liloutinath mandir (दिलीप मिश्रा): लखीमपुर का लिलौटी नाथ शिव मंदिर आस्था, विश्वास का केंद्र है. सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर भारी तादाद में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां आते हैं और बेलपत्र ,फूल ,धतूरा चढ़ाकर भगवान बोले नाथ का जलाभिषेक करते हैं. लिलौटी नाथ शिव धाम एकमुखी शिवलिंग और रहस्यमई पूजन के लिए प्रसिद्ध है.
मंदिर से जुड़ा रहस्य
मंदिर से जुड़े रहस्य की बात करें तो जब मंदिर सुबह खोला जाता है तो शिवलिंग पूजित मिलता है. माना जाता है कि भगवान कृष्ण के श्राप से श्रापित अश्वत्थामा मंदिर में सबसे पहले आते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. इस मंदिर का जीणोद्धार महेवा स्टेट के लोगों ने कराया.
पांडवों ने की शिवलिंग की स्थापना
मान्यता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के समय भगवान कृष्ण के मार्गदर्शन में यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। श्रद्धालुओं की माने तो मंदिर के कपाट खुलने से पहले आज भी शिवलिंग पूजित मिलता है. किंवदंती यह है कि सुबह होने से पूर्व अस्वस्थामा यहां शिव का जिला अभिषेक करते हैं. वहीं कुछ लोग आल्हा ऊदल द्वारा पूजा किए जाने के बात बताते हैं.
आकृति बना शिवलिंग बदलता है रंग
जुनई और खंडवा नदी के उद्गम स्थल के बीच पौराणिक महत्व वाले लिलोटीनाथ धाम में शिवलिंग पर आकृति बनी है. इसमें लोग मां पार्वती के स्वरूप की को देखते हैं इतना ही नहीं शिवलिंग दिन में कई बार रंग बदलता है मान्यता है कि सुबह के समय काला दोपहर के समय भूरा और रात के समय सफेदी शिवलिंग को विशेष बनती है.
दूर-दूर से आते आते भक्त
भगवान बोले के भक्त शिवालय में अपने आराध्य के दर्शन के लिए लगातार आते रहते हैं और उनकी शिव के प्रति अपार श्रद्धा है उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. लखीमपुर खीरी मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूरी पर स्थित लिलौटी नाथ शिव धाम के परिसर के चारों ओर पांच पीपल के वृक्ष ब्राह्मणों के रूप में स्थापित हैं. इतना ही नहीं मंदिर के चारों ओर दो नदियां खंडवा और जुनई ओम के आकार से पूरे परिसर कोअपने अंदर समाहित करती नजर आती हैं.
पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग
इस धाम को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग काफी समय से चली आ रही है. अगाध श्रद्धा होने के कारण श्रद्धालुओं से पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग करते हैं. महंत मोहन गिरी के मुताबिक सरकार को एक पर्यटन स्थल के विकास के लिए पहल करनी चाहिए. जिससे लोगों को यहां पहुंचकर दर्शन पूजन करने में आसानी रहे.
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