Advertisement
trendingPhotos/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2655614
photoDetails0hindi

दिल्ली-नोएडा से सिर्फ 80 किमी दूर ये महादेव मंदिर, मां का सिर धड़ से अलग कर यहां परशुराम ने की थी शिव की घोर तपस्या

महाशिवरात्रि को लेकर शिवालयों में तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस महाशिवरात्रि पर अगर आपभी किसी पवित्र धार्मिक स्‍थल जाने का प्‍लान बना रहे हैं तो बागपत सबसे बेस्‍ट हैं. बागपत का पुरा महादेव मंदिर का इतिहास अनादि काल से जुड़ा है.

बागपत का पुरा महादेव मंदिर

1/10
बागपत का पुरा महादेव मंदिर

बागपत का पुरा महादेव मंदिर भगवान महादेव के प्राचीन मंदिरों में से एक है. मान्‍यता है कि यहां भगवान महादेव से मांगी गई हर मुरादें पूरी होती हैं. महादेव का यह मंदिर बागपत रेलवे स्‍टेशन से मात्र 23 किलोमीटर दूर है. 

मां का सिर धड़ से अलग किया

2/10
मां का सिर धड़ से अलग किया

इसे परशुरामेश्‍वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक मान्‍यता है कि अपने पिता के कहने पर परशुराम ने एक ही झटके में अपनी मां का सिर धड़ से अलग कर दिया था. 

शिवलिंग की स्‍थापना

3/10
शिवलिंग की स्‍थापना

इसके बाद उन्‍हें मां की हत्‍या की ग्‍लानि अंदर से होने लगी थी. इस पर भगवान परशुराम ने आत्‍मशांति के लिए कजरी वन के करीब शिवलिंग की स्‍थापना कर महादेव की घोर तपस्‍या की थी. 

परशुराम ने की घोर तपस्‍या

4/10
परशुराम ने की घोर तपस्‍या

पौराणिक मान्‍यता है कि भगवान परशुराम की घोर तपस्‍या से खुश होकर महादेव ने उनकी मां रेणुका को पुन: जीवित कर दिया था. पुरा महादेव मंदिर को लेकर एक और मान्‍यता भी है. 

एक और मान्‍यता

5/10
एक और मान्‍यता

एक अन्‍य मान्‍यता है कि एक बार रुड़की स्थित कस्‍बा लंढौरा की रानी अपने लाव लश्‍कर के साथ कहीं जा रही थीं. जैसा ही उनका काफ‍िला इस स्‍थान पर पहुंचा हाथी अचानक रुक गया. 

महादेव का मंदिर बनवाया

6/10
महादेव का मंदिर बनवाया

रानी की तमाम कोशिशों के बावजूद भी हाथी हिलने का नाम नहीं ले रहा था. इस पर रानी ने उस स्‍थान की खुदाई करवाई तो वहां एक शिवलिंग मिला. इसके बाद रानी ने महादेव का मंदिर बनवाया.  

शंकराचार्य स्‍वामी कृष्‍ण बोध आश्रम जी महाराज ने की तपस्‍या

7/10
शंकराचार्य स्‍वामी कृष्‍ण बोध आश्रम जी महाराज ने की तपस्‍या

यही शिवलिंग और इस पर बना मंदिर आज परशुरामेश्वर मंदिर के नाम से विख्यात है. इसी पवित्र स्थल पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी कृष्ण बोध आश्रम जी महाराज ने भी तपस्या की थी. 

 

जलाभिषेक के लिए लगती है लाइन

8/10
जलाभिषेक के लिए लगती है लाइन

हर साल सावन के महीने और महाशिवरात्रि पर लाखों भक्‍त पुरा महादेव परशुरामेश्‍वर मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं. सावन में भी भक्‍तों की भारी भीड़ जुटती है. 

यहां से आते हैं लोग

9/10
यहां से आते हैं लोग

बागपत के साथ ही मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, दिल्ली और शामली के भक्‍त इस मंदिर में पहुंचकर महादेव के दर्शन करते हैं. साथ ही जलाभिषेक भी करते हैं. दिल्‍ली-नोएडा और गाजियाबाद से इसकी दूरी 70 से 80 किलोमीटर है. 

डिस्क्लेमर

10/10
डिस्क्लेमर

लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.