UP Hindi News: यूपी की महिलाओं के लिए अच्छी खबर सामने सामने आई है. आपको बता दे कि यूपी सरकार महिलाओं को रहने के लिए आवास देगी. ताकि नौकरी के लिए दूसरे शहरों में जाने वाली महिलाओं को सुरक्षित और कम दामों में घर मिल सके.
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Noida Hindi News: उत्तर प्रदेश सरकार ने एनसीआर क्षेत्र में कामकाजी महिलाओं के लिए छह नए हॉस्टलों के लिए जमीन आवंटित कर दी है. इन हॉस्टलों का निर्माण केंद्र सरकार की योजना के तहत किया जाएगा, ताकि नौकरी के लिए दूसरे शहरों में जाने वाली महिलाओं को सुरक्षित और किफायती आवास मिल सके.
सरकारी योजना के तहत बनने वाले इन हॉस्टलों में से पांच नोएडा में और एक गाजियाबाद में स्थापित किया जाएगा. ये सभी हॉस्टल औद्योगिक क्षेत्रों के पास बनाए जाएंगे, ताकि फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं को लाभ मिल सके. प्रत्येक हॉस्टल में 500 महिलाओं के रहने की व्यवस्था होगी.
इसके अलावा, प्रदेश के सात जनपदों वाराणसी, मेरठ, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, झांसी और आगरा में भी श्रमजीवी यानी कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनाने के लिए इस बजट में प्रावधान किया गया है. वहीं, चित्रकूट में पर्यटन विकास के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
महिलाओं की बढ़ती संख्या से बढ़ी जरूरत
गौतम बुद्ध नगर में फैक्ट्रियों और कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं की संख्या करीब 20% है, जबकि गाजियाबाद में यह आंकड़ा 15% तक पहुंच चुका है. ऐसे में लंबे समय से महिलाओं के लिए सुरक्षित और सस्ते हॉस्टलों की मांग की जा रही थी.
सरकारी हॉस्टल होंगे सस्ते और सुरक्षित
सरकारी हॉस्टल न केवल किफायती होंगे, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी निजी पीजी और किराए के मकानों से बेहतर होंगे. निजी ऑपरेटरों पर भरोसा करना मुश्किल होता जा रहा है. खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाली महिलाओं को किफायती और सुरक्षित आवास की जरूरत होती है. ये हॉस्टल उनके लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे.
महज कुछ रुपये में मिलेगा आवास
औद्योगिक इकाइयों में काम करने वाली महिलाओं का औसत वेतन करीब 15,000 रुपये प्रति माह है, जबकि निजी पीजी या 1BHK फ्लैट का किराया 5,000 रुपये से 10,000 रुपये तक होता है. ऐसे में सरकारी हॉस्टल एक सस्ता और सुरक्षित विकल्प साबित होगा.
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
अधिकारियों के मुताबिक, हॉस्टलों का किराया और मेस शुल्क अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन इन्हें बेहद कम रखा जाएगा. पात्रता और अन्य नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जारी है. जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) ने बताया कि राज्य सरकार को जल्द ही फंड जारी करने के लिए लिखा जाएगा. सरकारी निर्देशों के अनुसार, सभी हॉस्टल दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाने चाहिए.
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