Mahakumbh Snan Upay: अमृत स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पाए तो कोई बात नहीं, घर बैठे कर लें ये एक काम, मिलेगा महाकुंभ जैसा पुण्य
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Mahakumbh Snan Upay: अमृत स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पाए तो कोई बात नहीं, घर बैठे कर लें ये एक काम, मिलेगा महाकुंभ जैसा पुण्य

Prayagraj Mahakumbh 2025 Amrit Snan Upay: अगर आप महाकुंभ के पहले अमृत स्नान के लिए आज प्रयागराज नहीं पहुंच पाए तो घर रहकर भी इसका पुण्य लाभ हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपने घर में बस एक काम करना होगा. 

Mahakumbh Snan Upay: अमृत स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पाए तो कोई बात नहीं, घर बैठे कर लें ये एक काम, मिलेगा महाकुंभ जैसा पुण्य

How to Earn the Virtue of Mahakumbh by Staying at Home: प्रयागराज में आज पौष पूर्णिमा के साथ ही इस सदी के सबसे बड़े महाकुंभ का आज से आगाज हो गया है. 144 साल बाद होने जा रहा यह महाकुंभ 26 फरवरी को संपन्न होगा. इस दिव्य और भव्य महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में भाग लेने के लिए आज प्रयागराज में लाखों श्रद्धालुओं का रेला उतर आया. अगर किन्हीं कारणवश आप कुंभ स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पाए हैं तो आज अपने घर पर एक छोटा सा कार्य करके आप महाकुंभ जैसा पुण्य हासिल कर सकते हैं. आइए जानते हैं कि आज आपको घर पर क्या करना चाहिए. 

महाकुंभ 2025 पर घर में किए जाने वाले उपाय

आप उठने के बाद नित्य क्रिया से निवृत होने के बाद नहाने के लिए बाल्टी में पानी भरें. उस पानी में थोड़ा गंगाजल भी मिलाएं. इसके बाद गंगा मैया का स्मरण करते हुए धीरे-धीरे अपने ऊपर पानी डालें. शुरुआत में एड़ी, फिर कंधे और अंत में सिर के ऊपर पानी डालें. इस दौरान लगातार ‘हर हर गंगे’, ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करना न भूलें. स्नान के दौरान आप  ‘गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति, नर्मदे सिंधु कावेरी जलेस्मिन् सन्निधिं कुरू’ मंत्र का जाप भी कर सकते हैं.

कुंभ में प्रतिदिन 3 बार संगम में डुबकी लगाने का विधान होता है. आप चाहें तो घर में भी बाल्टी के पानी में गंगाजल मिलाकर 3 बार स्नान कर सकते हैं. हालांकि स्नान के दौरान भूलकर भी डिटर्जेंट, साबुन, शैंपू जैसी चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ और मां गंगा का अपमान माना जाता है. 

महाकुंभ 2025 अमृत स्नान तिथियां

13 जनवरी- पहला अमृत स्नान पौष पूर्णिमा

14 जनवरी- दूसरा अमृत स्नान मकर संक्रांति

29 जनवरी- तीसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या

03 फरवरी- चौथा अमृत स्नान बसंत पंचमी

12 फरवरी- पांचवां अमृत स्नान माघी पूर्णिमा

26 फरवरी- छठा अमृत स्नान महाशिवरात्रि

उगते सूर्य को प्रदान करें अर्घ्य

स्नान के पश्चात आप उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य प्रदान करें. इसके बाद घर में तुलसी पर जल चढ़ाकर दीया जलाएं. साथ ही तुलसी की परिक्रमा कर उनके आगे शीश नवाएं. फिर साफ कपड़े पहनकर घर के मंदिर में पूजा शुरू करें. भगवान शिव, श्रीहरि और अन्य देवी-देवताओं का स्मरण कर उनकी आराधना करें. मां गंगे का स्मरण करते उनका जाप करें. 

इसके पश्चात अपने आसपास रहने वाले किसी जरूरतमंद को भोजन, कपड़े, दवा या धन का दान देना चाहिए. मान्यता है कि पौष पूर्णिमा पर इन वस्तुओं का दान देने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन भगवान की कथा सुनने, ध्यान योग करने और प्रभु का नाम जपने का विधान है. इस बात का ध्यान रखें कि आप आज सात्विक भोजन करें या व्रत पर रहें. साथ ही लहसुन-प्याज से बनने वाली तामसिक चीजों के उपभोग से दूर रहें. 

भगवान के प्रति सच्ची आस्था जरूरी

धार्मिक विद्वानों के अनुसार, इन उपायों को करने से आप भी घर बैठे महाकुंभ का पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि जातक की भगवान के प्रति आस्था और मन में सच्चा भाव जरूरी होता है. यदि आप मां गंगा को याद करते हुए ये दोनों कार्य करते हैं तो घर पर रहते हुए भी आपका आपका उद्धार और मोक्ष प्राप्ति निश्चित हो जाती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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