प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दिनों दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने कई दिग्गजों से मुलाकात. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मिले और कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन रूस और यूक्रेन का मसला कहीं बीछ में छूट गया है.
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India America Joint Statement: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक संयुक्त बयान में कहा कि भारत-अमेरिका साझेदारी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र और खुला बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है. हालांकि इस बयान में रूस-यूक्रेन जंग का कोई जिक्र नहीं था, जबकि बाइडेन प्रशासन के दौरान इस मुद्दे पर जोर दिया जाता था. इस दौरान मोदी और ट्रंप ने कारोबार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, खासकर चीन की औद्योगिक नीतियों के प्रभावों को लेकर. दोनों नेताओं ने इस साल के आखिर तक एक संतुलित व्यापार समझौता करने के निर्देश दिए.
संयुक्त बयान में यह भी कहा गया कि दोनों देश अवैध आप्रवासन, संगठित अपराध, नशीली दवाएं, आतंकवाद, मानव और हथियारों की तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानून प्रवर्तन सहयोग मजबूत करेंगे. भारत इसे अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों की गतिविधियों पर रोक लगाने के रूप में देखता है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि यह भारत के लिए महत्वपूर्ण है.
ट्रंप प्रशासन ने IMEEC और iCET जैसी पहलों का समर्थन किया, जिसमें iCET का नाम बदलकर TRUST (Transforming the Relationship Utilizing Strategic Technology) कर दिया गया. इस पहल के तहत रक्षा, एआई, सेमीकंडक्टर्स और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी तकनीकों पर सहयोग बढ़ाया जाएगा.
पश्चिम एशिया के संघर्ष पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की गई, लेकिन दोनों देशों ने वहां निवेश बढ़ाने और सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई. इंडो-पैसिफिक सहयोग के तहत, क्वाड देशों (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) ने अंतरराष्ट्रीय कानून, समुद्री सुरक्षा और व्यापार की आजादी का समर्थन दोहराया.
पीएम मोदी जल्द ही नई दिल्ली में क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे. इसके अलावा भारत और अमेरिका ने इंडियन ओशन स्ट्रेटेजिक वेंचर शुरू किया, जो आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को बढ़ावा देगा. परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत और अमेरिका ने भारतीय परमाणु कानूनों में संशोधन के प्रस्तावों का स्वागत किया, जिससे अमेरिकी डिज़ाइन वाले बड़े रिएक्टरों का निर्माण और छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों पर सहयोग संभव होगा.
आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए मोदी और ट्रंप ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), आईएसआईएस और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों की निंदा की. अमेरिका ने मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का ऐलान किया और दोनों नेताओं ने पाकिस्तान से 26/11 और पठानकोट हमलों के दोषियों को जल्द सजा दिलाने और आतंकवाद को बढ़ावा न देने की अपील की.