Bangalore News: बेंगलुरु में दो भाईयों ने एक अनोखा काम किया जिसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है. यहां पर भाईयों ने मां की यादों और पिता की विरासत को सहेजने के लिए घर को गिराने के बजाय दूसरी जगह शिफ्ट किया है.
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Bangalore News: कहते हैं कि अगर कुछ करने को ठान लो तो वो ही जाता है. बेंगलुरु में दो भाईयों ने ऐसा काम किया जिसकी चर्चा दूरी दुनिया में हो रही है. दोनों भाईयों ने मां की यादों और पिता की विरासत को सहेजने के लिए अनोखी मिसाल पेश की है. ये अपनी मां की बातों से भावुक होकर घर को तोड़ने के बजाए 100 मीटर दूर शिफ्ट कर रहे हैं. ऐसा करने के पीछे की वजह क्या है आइए जानते हैं.
इसलिए दूसरा घर बनाने का फैसला
रिपोर्ट के मुताबिक वाई देवराज और उनके छोटे भाई वाई वासु यल एस्टेट व्यवसाय से जुड़े हैं. वो थुबराहल्ली झील के ओवरफ्लो होने और खराब जल निकासी व्यवस्था की वजह से लगातार जलभराव की समस्या का सामना कर रहे हैं. जिसकी वजह से उन्होंने दूसरी जगह घर बनाने का फैसला किया.
घर गिराने के सुझाव पर मां ने कही ये बात
परिवार मूल रूप से 2002 में वर्तमान तीन मंजिला इमारत के निर्माण से पहले उसी जमीन पर एक छोटे से शीट हाउस में रहता था. उनके पिता येलप्पा ने अपने सपनों का घर बनाने में 11 लाख का निवेश किया था. घर को लेकर पहली बार बेटों ने अपनी मां से इसे तोड़कर दूसरा घर बनाने का सुझाव दिया. जिसकी वजह से उनकी मां का दिल टूट गया और उन्होंने कहा कि ये मेरे पति की यादों से भरा हुआ है और मैं इसे टूटते हुए नहीं देख सकती. मां की भावनाओं को समझते हुए बच्चों ने ये तय किया कि वो घर को तोड़ने के बजाय दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे.
लोग कर रहे हैं तारीफ
बता दें कि इस घर को लगभग 200 लोहे के जैक, 125 लोहे के रोलर्स और सात मुख्य जैक का प्रयोग करके दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा रहा है. अब तक, घर को 15 फीट आगे बढ़ाया जा चुका है और आने वाले 30 दिनों में 85 फीट और बढ़ाया जाएगा. दोनों भाईयों की इस सोच की वजह से लोग उनकी तारीफ कर रहे हैं.