Jodhpur News: दुष्कर्म के आरोपी आसाराम एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उनके सेवादारों पर कुछ महिलाओं ने शोषण के आरोप लगाए हैं और मामला दर्ज कराया है.
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Jodhpur News: आसाराम नाबालिग दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा भोग रहे हैं. हालांकि कुछ दिन पहले ही वह पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं. इस समय वह अहमदाबाद में अपने मोटेरा आश्रम में है. इस बीच जिस जोधपुर आश्रम में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आसाराम को उम्रकैद की सजा हुई है, उसी आश्रम में कुछ महिलाओं के साथ लज्जा भंग करने के मामले ने सबको हैरान कर दिया है . मध्य प्रदेश की महिला ने चार सेवादारों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इन चार लोगों में आसाराम का लीगल टीम संभालने वाला पंकज उर्फ अर्जुन और स्वास्थ्य टीम के प्रमुख डॉ सचित भोला का नाम भी शामिल है.
जानकारी के मुताबिक घटना 21 जुलाई 2024 की घटना है. जब आश्रम में आसाराम का ऑनलाइन सत्यसंग सुनने गई कई महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई थी. वहीं इस मामले को दर्ज कराने के लिए महिलाएं पुलिस के पास पहुंची थी, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ. युवतियों ने पुलिस कमिश्नर से भी इसकी शिकायत की गई, लेकिन इसके बाद भी शिकायत दर्ज नहीं की गई थी. अब इस्तगासे के जरिए पीड़ित महिला ने रिपोर्ट डाली तो पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है.
इस्तगासे के माध्यम से कमिश्नरेट के बोरानाडा थाने में दर्ज हुए इस मामले में मध्य प्रदेश की रहने वाली पीड़िता है. उसने बताया कि वह आसाराम के आश्रम पाल रोड जोधपुर में जाती रहती है. वहां ऑन लाईन संत्संग में सुनती है. उस दिन परिवार के साथ 6 बहनें और साधक भी सत्संग सुनने वहां पहुंचे थे. बात 21 जुलाई 2024 की है, जब हम सभी साधक भाई बहनें गुरू पूर्णिमा मनाने आश्रम गये थे. इसी दौरान हमने कहा कि केस अच्छे से लड़ रहे हो या नहीं. समर्पित साधकों ने कहा कि आप हमें मत पूछो आश्रम मैनेजमेंट के मुखिया और लीगल टीम के मुखिया पंकज मीरचन्दानी उर्फ अर्जुन से इश बात की जानकारी लो. हमने पंकज से मिलवाने को बोला तो साधकों ने कहा कि चलो ऊपर तुम्हारी मुलाकात कराता हूं.
पीड़ित युवती के मुताबिक, उसके साथ छह बहने भी ऊपर गई तो वहां पर पंकज मीरचन्दानी, चेतन, जीवन और बाकी अन्य लोग मौजूद थे. ऊपर जाते ही उन लोगों ने पकड़ लिया और छेड़छाड़ करने के साथ धकेलने की एक्टिंग करते हुए गंदी हरकतें करने लगे. दो बहनों के साथ तो बहुत ज्यादा गंदी हरकत की सभी ने. अचानक ऐसे दृश्य से भयभीत हुई एक बहन नीचे दौड़कर भाग गई. बाकी साधकों को यह बात बताई और कुछ साधक ऊपर आये तब तक पंकज मीरचन्दानी खिड़की से भाग गया और फिर हम लोगों ने चेतन को पकड़ लिया था.
मौका पाकर चेतन भी भाग निकला, तब हम लोग नीचे उतरकर आये और कहा कि पंकज कमरे से भाग गया है. तब कुछ लोगों ने बताया कि एक आदमी खिड़की से कूदा और मौन मंदिर की तरफ चला गया है. तब हम लोगों ने खिड़की से झांक कर देखा तो पंकज मौन मंदिर था. परिवार ने पुलिस कमिश्रर को 22 जुलाई और 3 अक्टूबर को मामले से अवगत कराया है, लेकिन वह भी केस दर्ज नहीं हुआ. अब इस्तगासे के जरिए पीड़िता की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज कर जांच सहायक उपनिरीक्षक लक्ष्मण सिंह को दे दी है.