राजस्थान विद्युत ठेका कर्मचारियों द्वारा 14 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 साल से लगातार आंदोलन किया जा रहा है. प्रदेश महामंत्री संबोधित करते हुए बताया कि सरकार प्रदेश में ठेका प्रथा बंद करने की घोषणा करे.
Trending Photos
Jaipur News: राजस्थान विद्युत ठेका कर्मचारी महासंघ (भामसं) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बीएमएस कार्यालय में हुई. प्रदेश स्तरीय बैठक की अध्यक्षता में प्रदेश अध्यक्ष जोतसिंह सोगरवाल के नेतृत्व में हुई. 14 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 4 साल से लगातार आंदोलन किया जा रहा है, लेकिन सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है.आज प्रदेश स्तरीय बैठक में ठेका कर्मचारियों ने आगे के आंदोलन की रणनीति तैयार की. बैठक में बताया गया कि सरकार ठेका कर्मचारियों को शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव के आधार पर विद्युत विभाग में स्थाई करे, जो कर्मचारी स्थाई करने के नियम में नहीं आ रहे तो उनको 8 घंटे के काम के आधार पर 21 हजार रू देने की मांग की.
विद्युत क्षेत्र में काम करने वाले सभी ठेका कर्मचारियों के साथ ठेकेदारों ने निगम कर्मचारियों के द्वारा सौतेला व्यवहार किया जाता है. वहीं 8 घंटे की बजाय 20 घंटे काम लिया जाता है. 4 से 5 हजार रू वेतन देकर उनका आर्थिक,मानसिक और सामाजिक शोषण मुक्ति दिलाए. प्रदेश महामंत्री संबोधित करते हुए बताया कि सरकार प्रदेश में ठेका प्रथा बंद करने की घोषणा करे. सरकार हमारी मांगे नहीं मानी तो पूरे प्रदेश में ठेका कर्मचारियों के साथ मिलकर गांव गांव ढाणी ढाणी जाकर कार्य बहिष्कार करेंगे.
ये भी पढ़ें- अशोक गहलोत का ये दांव बदल देगा राजस्थान चुनाव का पूरा गणित, बीजेपी के लिए बढ़ी मुश्किलें
31 मार्च को 200 विधायकों को दूसरी बार महासंघ के द्वारा ज्ञापन दिया जाएगा. प्रदेश के 7 संभागों में संभाग मुख्यालयों पर महासंघ के द्वारा सभी ठेका कर्मचारियों के साथ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर सरकार के द्वारा ठेका प्रथा खत्म करने की घोषणा करने की मांग करेंगे. यदि घोषणा धरातल पर लागू नहीं करने पर आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी.