DNA Analysis: भारत में मंदिर और मस्जिद के विवाद के अक्सर मामले सामने आते हैं. इसी बीच केरल के एक चर्च ने ऐसी नजीर पेश की है. जिसकी चर्चा वहां से 2300 किमी दूर काशी और 2500 किमी दूर मथुरा की गलियों में हो रही है. जानिए ऐसा क्या हुआ.
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DNA Analysis: भारत में मंदिर और मस्जिद को लेकर सदियों से विवाद चले आ रहे हैं. चाहे वो अयोध्या का बाबरी मस्जिद और राम मंदिर विवाद रहा हो या फिर वाराणसी की ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद का मामला. अयोध्या विवाद 200 साल बाद कोर्ट में सुलझा तो काशी और मथुरा का मामला अब भी कोर्ट में है लेकिन इसी बीच केरल के एक चर्च ने ऐसी नजीर पेश की है. जिसकी चर्चा वहां से 2300 किमी दूर काशी और 2500 किमी दूर मथुरा की गलियों में हो रही है.
मिले मंदिर के अवशेष
केरल के ईसाई बाहुल्य पलाई शहर में खेती की जमीन पर खुदाई के दौरान प्राचीन मंदिर के अवशेष मिले हैं. बताया जा रहा है कि 100 साल पहले यहां मंदिर था जो नष्ट हो गया था. अब उसी के सबूत सामने आए हैं. केरल में जिस चर्च की जमीन पर मंदिर के सबूत मिले.उसने बड़ा दिल दिखाया और स्थानीय हिंदू संगठनों और चर्च के अधिकारियों के बीच चर्चा हुई और हिंदुओं को बिना किसी विवाद के उस जमीन पर पूजा-पाठ की इजाजत मिल गई.
कैथोलिक चर्च के पास गई जमीन
यह जमीन एक ब्राह्मण परिवार के स्वामित्व में थी. वक्त बीतने के साथ जमीन कैथोलिक चर्च के पास आ गई.अब जबकि इस जमीन पर मंदिर होने के सबूत सामने आए हैं तो चर्च प्रशासन ने बिना देरी किए हिंदू समाज को ना सिर्फ यहां पूजा-पाठ की इजाजत दे दी. बल्कि जमीन पर दावा छोड़ने को भी तैयार हो गया. केरल के चर्च के इस फैसले की चर्चा अब काशी की गलियों में हो रही है.
केरल का चर्च मॉडल
साथ ही ये चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या केरल का ये चर्च मॉडल देश के दूसरे हिस्सों में भी लागू होना चाहिए. इस चर्चा की वजह समझिए. दरअसल देश में कई जगहें हैं जहां धर्मस्थलों को लेकर हिंदू और मुस्लिम समाज के बीच कोर्ट में दशकों से लड़ाई चल रही है.अयोध्या का बाबरी मस्जिद विवाद 134 साल बाद सुलझा जबकि मथुरा का कृष्ण जन्मभूमि विवाद 57 सालों से कोर्ट में चल रहा है. यहां मंदिर की जमीन पर मस्जिद बनाए जाने का दावा किया गया है. काशी का ज्ञानवापी विवाद 34 सालों से कोर्ट में चल रहा है.यहां भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का दावा किया गया है. सबसे ताजा संभल जामा मस्जिद विवाद की बात करें तो ये मामला भी कोर्ट में है.यहां भी हरिहर मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने का दावा किया गया है.