Tahir Hussain आज भरेंगे नामांकन, पेरोल पर जेल से आए बाहर
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Tahir Hussain आज भरेंगे नामांकन, पेरोल पर जेल से आए बाहर

Delhi riots accused Tahir Hussain released from Tihar jail: दिल्ली दंगों के मुलजिम और आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन को दिल्ली विधानसभा चुनाव अपना परचा दाखिल करने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें पैरोल पर जेल से रिहा कर दिया है. वो 5 फरवरी को होने वाले दीली विधानसभा चुनाव के लिए मुस्तफाबाद निर्वाचन क्षेत्र से आईएमआईएम पार्टी के उमीदवार के तौर पर अपना परचा दाखिल करेंगे. 

Tahir Hussain आज भरेंगे नामांकन, पेरोल पर जेल से आए बाहर

Tahir Hussain: दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को विधानसभा चुनाव नामांकन के लिए तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है. वह आज नामांकन दाखिल करने वाले हैं. दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए बृहस्पतिवार को सुबह तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था. 

हाई कोर्ट ने हुसैन को हिरासत में पैरोल दी है. एक सूत्र ने बताया, "उन्हें दिल्ली पुलिस की कड़ी सुरक्षा में जेल से रिहा किया गया. वह सुबह करीब सवा नौ बो जेल से बाहर आए." आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद हुसैन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.

मंगलावर को मिली थी पैरोल

ताहिर को मुस्तफाबाद सीट से एआईएमआईएम ने टिकट दिया है. पांच फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए ताहिर को एक मजबूत कैंडिडेट माना जा रहा है. दिल्ली हाई कोर्ट ने हुसैन को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए मंगलवार पैरोल दी थी.

ताहिर पर केस दर्ज

ताहिर हुसैन पर आईबी ऑफिसर अंकित की हत्या के मामले में मुकदमा चल रहा है. इसी मामले को लेकर उन्होंने कोर्ट में अपील की थी. उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 में हिंसा हुई थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे. इसी दौरान अंकित की भी लाश मिली थी. 

ताहिर पर कई मामले

ताहिर हुसैन पर कई मामले चल रहे हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली दंगे की प्लानिंग की इसके साथ ही मर्डर का भी उन पर आरोप है. जिसकी वजह से दिल्ली पुलिस ने उन पर यूएपीए लगाई हुई है. दिल्ली पुलिस ताहिर का बेल का विरोध कर रहे थे.

मंगलवार को हाई कोर्ट का आदेश

मंगलवार हाई कोर्ट ने ताहिर हुसैन की जमानत याचिका को खारिद कर दी थी और उन्हें कस्टडी पैरोल दी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने कई शर्तें भी रखी थीं, जैसे कि इस दौरान ताहिर मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करेंगे, न किसी से मिलेंगे और न ही इंटरनेट का इस्तेमाल करेंगे.

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