Bombay High Court on Illegal Loudspeakers: याचिकाकर्ता संतोष पचलग ने पहली बार 2014 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और नवी मुंबई की कुछ मस्जिदों में अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. अब कोर्ट ने डीजीपी को बड़ा आदेश दिया है.
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Bombay High Court on Illegal Loudspeakers: बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य भर में मुख्तलिफ धार्मिक और दूसरे संस्थानों में लगाए गए अवैध लाउडस्पीकरों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई का ब्योरा मांगा है. कोर्ट ने राज्य के गृह विभाग और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को की गई कार्रवाई का ब्योरा देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ ने 6 सप्ताह के भीतर इस मुद्दे पर जानकारी पेश करने को कहा है.
डीजीपी से मांगा जवाब
पीठ ने याचिकाकर्ता की आरटीआई के जवाब में एसीएस होम और डीजीपी से 2,940 अवैध लाउडस्पीकरों के संबंध में की गई कार्रवाई का खुलासा करने को कहा है. कोर्ट में अवमानना से जुड़ी याचिका पर सुनवाई चल रही है. याचिका में धार्मिक स्थलों पर अवैध रूप से लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में न्यायालय द्वारा 2016 में दिए गए निर्देशों का पालन न करने का इल्जाम लगाया गया है.
मस्जिदों से उतारे जाएंगे लाउडस्पीकर
याचिकाकर्ता संतोष पचलग ने पहली बार 2014 में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और नवी मुंबई की कुछ मस्जिदों में अवैध रूप से लगाए गए लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की थी. कोर्ट के आदेश के बाद भी अवैध रूप से लगे लाउडस्पीकर पर कार्रवाई नहीं और अब कोर्ट ने डीजीपी से रिपोर्ट मांगी है.
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव ने क्या कहा?
कोर्ट के इस आदेश के बाद ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के राष्ट्रीय महासचिव अल्लामा बुनई हसनी ने कहा कि निश्चित तौर पर समाज को कानून की पैरवी करनी चाहिए और उसे लागू भी कराना चाहिए. हम कहना चाहते हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने के लिए मंदिर और मस्जिद कमेटियों से बात करके उसे कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए और जो अवैध लाउडस्पीकर है, उसे उतारा जाना चाहिए.