Agha Khan: नहीं रहे इस्माइली मुसलमानों के मसीहा; अस्पताल और स्कूलों के लिए दान किया था सब कुछ
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Agha Khan: नहीं रहे इस्माइली मुसलमानों के मसीहा; अस्पताल और स्कूलों के लिए दान किया था सब कुछ

Aga Khan Dies: इस्माइली मुसलमानों के मसीहा आगा खान का 88 साल की उम्र में इंतेकाल हो गया. उन्होंने गरीब लोगों की सेवा करने के लिए स्कूल, अस्पताल बनवाए. उनकी जायदाद अरबों रुपयों में है. इससे लाखों लोगों को फायदा होता है.

Agha Khan: नहीं रहे इस्माइली मुसलमानों के मसीहा; अस्पताल और स्कूलों के लिए दान किया था सब कुछ

Aga Khan Dies: इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता आगा खान का 88 साल की उम्र में इंतेकाल हो गया. आगा खान फाउंडेशन और इस्माइली धार्मिक समुदाय ने अपनी वेबसाइट पर ये ऐलान किया कि मंगलवार को उनके 49वें इमाम का इंतेकाल हो गया. वेबसाइट के मुताबिक उनके उत्तराधिकारी के बारे में बाद में ऐलान किया जाएगा. आगा खान वही शख्स हैं जो 20 साल की उम्र में इस्माइली मुसलमानों के आध्यात्मिक नेता बने. उनकी मकबूलियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अस्पतालों और स्कूलों की मदद के लिए अपना सब कुछ दान कर दिया था.

दादा को हटा कर बने उत्तराधिकारी
आगा खान के अनुयायी उन्हें इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद स0. के बंशज मानते हैं. आगा खान तब हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में ही पढ़ रहे थे, जब उन्होंने अपने दादा को हटाकर इस्माइली मुसलमानों के मसीहा बने थे. उनका कहना था कि उनके अनुयायियों का नेता ऐसा होना चाहिए जो नए जमाने में पला बढ़ा हो.

आगा खान की मकबूलियत
आगा खान धार्मिक नेता के साथ-साथ कारोबारी और लोगों की मदद करने वाले शख्स बन गए. यह हैरत की बात है कि आगा खान ने दुनियावी जिंदगी और आध्यात्मिक जिंदगी के दरमियान तालमेल बनाए रखा. उन्हें राज्य के प्रमुख के बतौर मान्यता दी गई. महारानी एलिजिबेथ ने उन्हें 1957 में महामहिम कहकर बुलाया. आगा खान के दादा आगा खान III ने उन्हें 1300 साल पुराने राजवंश का उत्तराधिकारी बनाया. इसके 2 हफ्ते बाद ही महारानी ने उन्हें 'महामहिम' की उपाधि दी.

मुस्लिम और पश्चिम सभ्यता
19 अक्टूबर साल 1957 में वह तंजानिया के दार एस सलाम में आगा खान IV बन गए. यह वही जगह है जहां उनके दादा को तोहफे में उनके वजन के बराबर हीरे मिले थे. उन्होंने अपने दादा की देखभाल के लिए स्कूल छोड़ा था. इसके 18 महीने के बाद वह एक जिम्मेदारी की भावना लेकर दोबारा स्कूल पहुंचे. वह ऐसे हैं शख्स जिन्होंने मुस्लिम समाज और पश्चिम के बीच एक पुल बनाने का काम किया.

आगा खान संगठन
आगा खान का संगठन आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क गरीब लोगों की सेहत, घर और लोगों की पढ़ाई के लिए काम करता है. बांग्लादेश, ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान में उनके नाम के कई अस्पताल बनाए गए. जानकार कहते हैं कि आगा खान की जायदाद का अंदाजा लगाना मुश्किल है. उनकी जायदाद अरबों में हो सकती है.

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