राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के सदर इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा है कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भारत से ज्यादा पाकिस्तान, अमेरिका और बांग्लादेश में होता है. देश में सांप्रदायिक हिंसा की मैंने एक भी मिसाल नहीं देखी है. अल्पसंख्यकों के लिए स्वर्ग है भारत.
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नई दिल्ली: राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) के सदर इकबाल सिंह लालपुरा ने मंगलवार को कहा कि भारत अल्पसंख्यकों के लिए 'जन्नत' है. उन्होंने कहा, " 1951 की जनगणना के मुताबिक, अल्पसंख्यक आबादी 16 और बहुसंख्यक 84 फीसदी थी. चार बार इस देश का कोई अल्पसंख्यक राष्ट्रपति और एक बार प्रधानमंत्री बना है. इस देश में अल्पसंख्यक कुछ भी कर सकते हैं. अगर आप अजहरुद्दीन हैं, तो आप भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन सकते हैं. अगर आप बिशन सिंह बेदी हैं, तो आप कप्तान बन सकते हैं. फारुख इंजीनियर को खेलने से कोई नहीं रोक सकता है.”
काबिल और लायक लोगों को कोई नहीं रोकता है
इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा, "एक फील्ड मार्शल (सैम मानेकशॉ) और एक एयर मार्शल (अर्जन सिंह) भी अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखते थे. भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के साबिक अफसर और भाजपा के संसदीय बोर्ड के सदस्य लालपुरा ने कहा, "भारत ने सभी को एक जैसे मौके दिए हैं. जो भी लायक और काबिल है, वह जहां चाहे वहां पहुंच सकता है." अल्पसंख्यकों को देश में सभी तरह के मौके मिल रहे हैं. जहां तक तरक्की का सवाल है. तरक्की के लिए 200 से ज्यादा सरकारी स्कीमें हैं, और वो सभी अल्पसंख्यकों के लिए हैं. हकीकत में, उनके लिए लगभग 240 योजनाएं हैं."
हिंदुओं ने मस्जिदों और मुसलमानों ने हिंदू मंदिरों को बचाया
अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा से संबंधित चिंताओं के सवाल पर लालपुरा ने कहा, "समाज में निजी तौर पर किया जाने वाला अपराध हमेशा से रहा है. मैं दावे और अपने तजुर्बे से कह सकता हूं कि मैंने भारत में सांप्रदायिक हिंसा का एक भी मिसाल नहीं देखी. मैं नूंह (जहां 2023 में सांप्रदायिक हिंसा हुई थी) गया था. वहां हिंदुओं ने मस्जिदों और मुसलमानों ने हिंदू मंदिरों को बचाया है. वे एक साथ रह रहे हैं. जहांगीरपुरी (दिल्ली) में भी यही हालत थी." इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा, "इसलिए हमें निजाम बिगाड़ने वाले अपराधियों की पहचान करनी होगी."
भारत से ज़यादा पाकिस्तान, अमेरिका और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हिंसा
लालपुरा ने कहा, "जहां तक नफरत से प्रेरित अपराध का सवाल है, अमेरिका में सिखों के खिलाफ ज्यादा हेट क्राइम हुए हैं." उन्होंने पूछा कि लोग हमारे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को क्यों नहीं देख रहे हैं, जहां बंटवारे के वक़्त अल्पसंख्यकों की आबादी 22 फीसदी थी. उन्होंने कहा, "जिस दिन हम गुरु नानक की 500वीं जयंती मना रहे थे, उस दिन ननकाना साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी ने इस्लाम कबूल कर लिया." लालपुरा ने कहा, "अगर आप क्रिकेट खेलना चाहते हैं तो आप यूसुफ योहाना बनकर नहीं खेल सकते, आपको मोहम्मद यूसुफ बनना होगा." उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का भी यही हाल है, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो गई है. इसलिए भारत अल्पसंख्यकों के लिए जन्नत है.
समान नागरिक संहिता से धार्मिक रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं
वक्फ बिल के बारे में इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा, "वक्फ का मतलब दान है. इस दान का इस्तेमाल समुदाय के कल्याण के लिए करना होता है. नए कानून से मुसलमानों को मदद मिलेगी." समान नागरिक संहिता पर लालपुरा ने कहा कि यह जायदाद के स्वामित्व, गोद लेने और तलाक के अधिकार के बारे में है. इसके लिए आपसी रजामंदी की ज़रूरत है. इससे किसी भी तरह से धार्मिक रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप नहीं होगा. आखिर में उन्होंने कहा कि अगर अल्पसंख्यकों को कोई दिक्कत है तो वो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अपनी शिकायत लेकर आये, ये उनका अपना इदारा है.
सिख प्रधानमंत्री मोदी से बहुत खुश हैं
लालपुरा ने यह भी दावा किया है कि सिख प्रधानमंत्री मोदी से बहुत खुश हैं, क्योंकि उन्होंने समुदाय के लिए पिछले 10 सालों में जो किया है, वह पहले किसी ने करने के बारे में सोचा भी नहीं था. करतारपुर गलियारा खुलवाया... वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है. सिखों के इतिहास का ध्यान रखते हुए लाल किले से गुरु तेग बहादुर की चौथी जन्मशती मनायी है, जहां से उनके क़त्ल का हुक्म दिया गया था."