नई दिल्लीः Lok Sabha Elections 2024: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के पूर्व अध्यक्ष चिराग पासवान के बयान से बिहार की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. रविवार 10 मार्च को साहेबगंज विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि हर दल उनकी पार्टी को अपने खेमे में लाने के लिए तैयार हैं. इस दौरान पासवान ने यह भी संकेत दिया कि वे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं और बेहतर पेशकश करने वाले खेमे में शामिल हो सकते हैं.
हर पार्टी चिराग को अपने खेमे में लेने के लिए है तैयार
रैली में चिराग पासवान ने कहा, मैं यहां संवाददाताओं की भीड़ देख सकता हूं, जो यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि चिराग पासवान किसके साथ रहेंगे. मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि चिराग पासवान केवल बिहार के लोगों के साथ जुड़े हुए हैं. आज हर पार्टी, हर गठबंधन चाहता है कि चिराग पासवान उसके साथ रहें. ऐसा इसलिए क्योंकि लोग उनके (चिराग) 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' दृष्टिकोण से प्रभावित हैं, जो राज्य को पुराने पिछड़ेपन से बाहर निकालना चाहता है.
2019 में छह सीटों पर चुनाव लड़ी थी LJP
इस दौरान चिराग पासवान ने खुद को 'शेर का बेटा' बताते हुए अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान के सच्चे उत्तराधिकारी के रूप में पेश करने का प्रयास किया. 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा ने बिहार की छह सीटों पर चुनाव लड़े थे और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी. इस दौरान अपने भाषण में चिराग ने जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार और अपने चाचा एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का नाम लेने से परहेज किया.
हाजीपुर से सांसद रह चुके हैं रामविलास पासवान
हालांकि, अपने भाषण में चिराग ने उन साजिशों के बारे में खुलकर बात की, जिनका उन्हें सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इन साजिशों का उद्देश्य उनके घर, परिवार व पार्टी को तोड़ना था, लेकिन, मैंने दिखाया है कि चिराग पासवान को डराया नहीं जा सकता. इस दौरान चिराग ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी हाजीपुर से ही चुनाव लड़ेगी. हाजीपुर के इस सीट को एलजेपी का गढ़ माना जाता है. चिराग के पिता रामविलास पासवान इस सीट से कई बार चुनाव जीत चुके हैं.
हाजीपुर से मौजूदा सांसद हैं पशुपति पारस
फिलहाल यहां से चिराग के चाचा और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के अध्यक्ष पशुपति पारस सांसद हैं. वहीं, चिराग के इस बयान पर आरएलजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि हाजीपुर या हमारी पार्टी की अन्य चार सीटों में से किसी को भी छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं है. हमें यकीन है कि भाजपा हमारे दावे का सम्मान करेगी क्योंकि हम राजग के स्वाभाविक सहयोगी हैं. चिराग को दूसरी तरफ से प्रस्ताव मिल रहा है, लेकिन कोई भी इस तरह के प्रलोभन के साथ हमारे पास आने की हिम्मत नहीं कर रहा है.
चिराग को महागठबंधन दे सकता है छह सीटें
बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अगर चिराग पासवान महागठबंधन में शामिल होते हैं, उन्हें राज्य की छह लोकसभा सीटें मिल सकती हैं. हालांकि, अभी तक यह सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट नहीं हो पाया है. एक्सपर्ट की मानें, तो चाचा और भतीजे की जंग में बीजेपी चिराग की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें खोने का जोखिम नहीं उठा सकती है. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी पारस से भी मुंह मोड़ना नहीं चाहती है.
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