भारत को वो समुदाय जहां बच्चा करने पर ही जोड़े को मिलती है शादी की मंजूरी, पसंद न आए तो पुरुष को छोड़ सकती हैं महिलाएं!

लिव-इन-रिलेशनशिप को समाज अलग-अलग नजरिये से देखता है लेकिन भारत का ही एक ऐसा समुदाय है जहां यह काफी समय से प्रचलित है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान और गुजरात में रहने वाली गरासिया जनजाति में लिव-इन-रिलेशनशिप सदियों से प्रचलित है. यहां महिलाएं अपनी मर्जी से अपना साथी चुन सकती हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 16, 2025, 07:45 PM IST
  • कहां रहते हैं गरासिया जनजाति के लोग
  • विवाह मेले में चुना जाता है पसंदीदा साथी
भारत को वो समुदाय जहां बच्चा करने पर ही जोड़े को मिलती है शादी की मंजूरी, पसंद न आए तो पुरुष को छोड़ सकती हैं महिलाएं!

नई दिल्लीः लिव-इन-रिलेशनशिप को समाज अलग-अलग नजरिये से देखता है लेकिन भारत का ही एक ऐसा समुदाय है जहां यह काफी समय से प्रचलित है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजस्थान और गुजरात में रहने वाली गरासिया जनजाति में लिव-इन-रिलेशनशिप सदियों से प्रचलित है. यहां महिलाएं अपनी मर्जी से अपना साथी चुन सकती हैं.

कहां रहते हैं गरासिया जनजाति के लोग

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गरासिया जनजाति मुख्य रूप से राजस्थान के उदयपुर, पाली और सिरोही जिलों में पाई जाती है. वहीं गुजरात के कुछ हिस्सों में भी इस जनजाति के लोग रहते हैं. यह समुदाय खेती पर निर्भर रहता है और उनकी सामाजिक व्यवस्था बाकी समाज से काफी अलग है.

विवाह मेले में चुना जाता है पसंदीदा साथी

इस जनजाति में शादी से पहले युवक-युवतियां एक खास परंपरा के तहत लिव-इन-रिलेशनशिप में रहते हैं. इसे 'दापा प्रथा' कहा जाता है. इसके तहत हर साल दो दिन के विवाह मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें युवक और युवतियां अपने पसंदीदा साथी को चुनते हैं और उनके साथ भाग जाते हैं.

शादी के लिए संतान का होना जरूरी

रिपोर्ट्स के अनुसार, गरासिया जनजाति में शादी तभी की जाती है जब जोड़े के पास पर्याप्त धन हो. वहीं शादी के लिए एक अनोखी शर्त भी होती है. वो ये कि अगर लिव-इन में रहने के दौरान उनकी संतान होती है तो ही उनकी शादी होती है. अगर संतान नहीं होती है तो दोनों अलग हो जाते हैं और नए साथी की तलाश करते हैं.

लड़के वालों को देनी होती है धनराशि

लिव-इन-रिलेशनशिप के दौरान, लड़के वालों को लड़की के परिवार को कुछ धनराशि देनी होती है. जब बच्चा पैदा होता है, तब दोनों परिवार मिलकर शादी की तैयारी करते हैं. शादी का पूरा खर्च लड़के के परिवार को उठाना पड़ता है. शादी का आयोजन भी लड़के के घर पर ही होता है.

वहीं महिलाओं को अपने साथी को बदलने की भी पूरी आजादी होती है. विवाह मेले में कोई महिला अपने पुराने साथी को छोड़कर किसी दूसरे पुरुष के साथ जा सकती है. हालांकि, नए साथी को पुराने साथी से ज्यादा धनराशि चुकानी होती है.

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