नई दिल्लीः भारत और जापान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'धर्म गार्जियन (संरक्षक)' का छठा संस्करण 25 फरवरी से 9 मार्च तक जापान के माउंट फूजी में आयोजित किया जाएगा. भारतीय सेना ने रविवार को यह जानकारी दी.
जानिए क्या है इस अभ्यास का उद्देश्य?
इस अभ्यास का मकसद संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम देते हुए दोनों सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना है. रक्षा मंत्रालय (सेना) के आईएचक्यू के अतिरिक्त जनसंपर्क महानिदेशालय ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में यह जानकारी दी.
इसमें कहा गया, "सेना प्रमुख (सीओएएस) की 14 से 17 अक्टूबर, 2024 तक जापान की सफल यात्रा के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अभ्यास 'धर्म गार्जियन 2025' भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा."
अभी मिस्र के साथ चल रहा अभ्यास
इससे पहले 11 फरवरी को भारत और मिस्र के विशेष बलों ने राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 'साइक्लोन III' अभ्यास शुरू किया था. एक अधिकारी ने बताया कि अभ्यास 23 फरवरी को समाप्त होगा.
अधिकारी ने कहा, "अभ्यास 'साइक्लोन' भारत और मिस्र में बारी-बारी से आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है. इसी अभ्यास का पिछला संस्करण जनवरी 2024 में मिस्र में आयोजित किया गया था."
भारत की तरफ से 25 जवान हैं शामिल
'साइक्लोन III' में भारतीय दल में 25 जवान शामिल हैं, जिसका प्रतिनिधित्व दो विशेष बल बटालियनों के सैनिक कर रहे हैं. मिस्र के दल में भी 25 जवान शामिल हैं, जिसका प्रतिनिधित्व मिस्र के विशेष बलों के विशेष बल समूह और टास्क फोर्स के सैनिक कर रहे हैं.
अभ्यास साइक्लोन का उद्देश्य अंतर-संचालन, संयुक्तता और विशेष संचालन रणनीति के आपसी आदान-प्रदान को बढ़ाकर दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों को मजबूती देना है.
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